यूपी का भीड़तंत्र: सरकारी मंडी में 9 साल के बच्चे को अनाज चुराने के आरोप में पेड़ से बाँधकर पीटा!

रकारी मंडियों में अनाज न केवल सड़ कर बर्बाद होता है बल्कि लाने-ले जाने में भी न जाने कितना अनाज बिखर और गिर कर बर्बाद होता है। इसी देश में करोड़ों लोग इस समय अनाज की कमी और भूख से परेशान हैं। इस अनाज पर वैसे मंडी कर्मियो की नजर नही भले ही न पड़े , लेकिन एक गरीब बच्चा अगर अनाज के फटे बोरों से गिरे अनाज को सहेज कर ले जाने की कोशिश करे तो उसके साथ क्या हो सकता है वो इस वीडियो में आप देख सकते हैं। 9 साल के इस बच्चे ने जैसे सरकारी खजाने पर डाका डाल दिया हो। और डाल भी दिया हो तो क्या मंडी के कर्मचारी, उस बच्चे की उम्र और कानून को ताक पर रखकर खुद सजा तय कर के - 9 साल के बच्चे को पेड़ में बांध बेरहमी से पीटेंगे?

जनता जब भीड़ में और फिर भीड़तंत्र में तब्दील होती है, तो वह सिर्फ एक ऐसे बिना भाव और बिना मस्तिष्क के जानवर में बदल जाती है – जो सिर्फ और सिर्फ शिकार करना जानता है। उसकी हिंसा की ज़द में सब आते हैं…अपराधी, निरपराध, क़ुसूरवार, बेक़ुसूर…यहां तक की भूखे लोग और मासूम बच्चे भी। यूपी के महराजगंज में भीड़ ने जो किया, वो किसी भी समाज के लिए सदियों तक सिर झुकाए रखने की घटना हो सकती है। यहां के नौतनवा थाना क्षेत्र में, पांच किलो अनाज की चोरी का आरोप लगाकर एक बच्चे को मंडी कर्मियों ने न सिर्फ पेड़ से घंटों बांधे रखा बल्कि उससे निर्ममता भी की।

सरकारी मंडियों में अनाज न केवल सड़ कर बर्बाद होता है बल्कि लाने-ले जाने में भी न जाने कितना अनाज बिखर और गिर कर बर्बाद होता है। इसी देश में करोड़ों लोग इस समय अनाज की कमी और भूख से परेशान हैं। इस अनाज पर वैसे मंडी कर्मियो की नजर नही भले ही न पड़े , लेकिन एक गरीब बच्चा अगर अनाज के फटे बोरों से गिरे अनाज को सहेज कर ले जाने की कोशिश करे तो उसके साथ क्या हो सकता है वो इस वीडियो में आप देख सकते हैं। 9 साल के इस बच्चे ने जैसे सरकारी खजाने पर डाका डाल दिया हो। और डाल भी दिया हो तो क्या मंडी के कर्मचारी, उस बच्चे की उम्र और कानून को ताक पर रखकर खुद सजा तय कर के – 9 साल के बच्चे को पेड़ में बांध बेरहमी से पीटेंगे?

बर्बरता का यह मंजर महराजगंज के नौतनवा थाना क्षेत्र में स्थित मंडी समिति परिसर में दिखा। यहाँ गेहूं के भंडार में जमीन पर बिखरे कुछ किलो गेहूं कोे इकट्ठा कर, अपने घर ले जा रहे, 9 वर्षीय एक गरीब बच्चे पर चोरी का आरोप लगाते हुए मंडी समिति के कर्मचारियों और मजदूरों ने ये बेरहम सजा देते हुए पेड़ से बांधकर जमकर पिटाई की।

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इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर के, घटना में शामिल लोगों से पूछताछ कर कई लोगों को हिरासत में लिया है। राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ सुचिता चतुर्वेदी ने घटना का संज्ञान लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कराने की भी बात कही है। लेकिन ये सवाल बार-बार होना चाहिए कि आख़िर ये घटना होने के बाद ही हमेशा कार्रवाई क्यों होगी…आख़िर समाज को बेहतर बनाने की स्थिति में हम कब पहुंचेंगे।

पुलिस शनिवार को वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मंडी समिति पहुंच गई और बच्चे व उसके परिजनों को बुलाकर पूरी घटना की जानकारी ली। जांच के दौरान बच्चे ने अपने साथ मारपीट में शामिल लोगों की पहचान की। जिसके बाद पुलिस मारपीट में शामिल कुछ लोगो को अपने साथ थाने ले गई। जहां उनसे पूछताछ की जा रही है। बच्चे की पिटाई से आहत परिजन व स्थानीय लोग इस गंभीर घटना में शामिल दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

ये घटना एक बार फिर समाज के भीड़तंत्र में बदल जाने की गवाह है। सबसे बुरा ये है कि गरीबी और मजबूरी को भयावह रूप में अपने सामने देखने वाला ग्रामीण समाज, इस कदर असंवेदनशील हो रहा है। हम सबके लिए ये ख़तरे की घंटी होनी चाहिए कि लिंचिंग की सभ्यता किसी एक धर्म, समुदाय और जाति तक सीमित नहीं रहेगी। इसकी आंच एक दिन हम सब तक…और सबसे ख़तरनाक़ रूप में हमारे अबोध बच्चों तक भी आनी है।

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