गोरखपुर न्यूज़ लाइन / देवरिया
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए देवरिया जिला प्रशासन ने बीआरडीपीजी कालेज देवरिया की 11 हेक्टेयर से अधिक भूमि को छीन लिया है। इस कारण इस कालेज के कृषि विभाग की मान्यता पर खतरा पैदा हो गया है। छात्र-छात्राओं ने जब इसके विरोध में प्रदर्शन किया तो उन पर लाठीचार्ज किया गया। इस घटना को लेकर देवरिया के लोगों में गुस्सा है और विभिन्न संगठनों ने बैठक कर प्रशासन के इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
देवरिया का बाबा राघव दास पोस्ट ग्रेजुएट कालेज बहुत पुराना है। इसकी स्थापना देश के आजाद होने के सात वर्ष बाद 1954 में हुई थी। इसके लिए 65 एकड़ भूमि की व्यवस्था की गई। कालेज को देवरिया खास में 11.258 हेक्टेयर भूमि दी गई। यह भूमि की व्यवस्था उस वक्त के डीएम ने की थी। महाविद्यालय को भविष्य में कृषि विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना थी। यह महाविद्यालय गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है और गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एकमात्र कालेज है जहां कृषि के आठ विषयों में एमएससी की डिग्री दी जाती है। शोध उपाधि भी दी जाती है। यहां पढ़ने दूर-दराज से भी छात्र आते हैं।
महाविद्यालय की देवरिया खास स्थित 11.258 हेक्टेयर भूमि को जिला प्रशासन ने अक्टूबर महीने में चुपचाप निरस्त कर इसे उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के नाम कर दिया। साथ ही में इस जमीन में से 1.25 हेक्टेयर भूमि में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 500 आवास बनाने की तैयारी कर ली। इसकी रिपोर्ट भी प्रदेश शासन को भेज दी गई।
प्रशासन की इस कार्यवाही की जानकारी जब छात्र-छात्राओं को हुई तो वे गुस्से से उबल पड़े। छात्र-छात्राओं ने 29 नवम्बर को प्रदर्शन करते हुए रास्ता जाम कर दिया। छात्र-छात्राओं का आंदोलन शांतिपूर्ण था। इसके बावजूद विरोध प्रदर्शन से बौखलाए हुए जिला प्रशासन ने लाठीचार्ज कर दिया जिससे कई छात्र-छात्राओं को चोटें आईं।
महाविद्यालय के शिक्षकों ने भी बैठक प्रशासन की इस कार्यवाही की निंदा की है। महाविद्यालय के प्राचार्य ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि प्रशासन की इस कार्यवाही से महाविद्यालय के कृषि विभाग की मान्यता खतरे में पड़ जाएगी।
विभिन्न संगठनों ने प्रशासन की इस कार्यवाही की कड़ी निंदा करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। पूर्वांचल स्वराज्य आंदोलन के नेता शिवाजी राय, जर्नादन शाही, सामाजिक कार्यकर्ता डा. चतुरानन ओझा, प्रधानसंघ के जिलाध्यक्ष ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी, राष्टवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव संजयदीप कुशवाहा, पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के मंडल अध्यक्ष अरविंद गिरी ने शुक्रवार को महाविद्यालय का दौरा कर प्राचार्य, शिक्षकों व छात्र-छात्राओं से मुलाकात की।
इसके बाद सोमनाथ मंदिर में बैठक की गई। बैठक में पूर्वांचल स्वराज्य आंदोलन के नेता शिवाजी राय ने कहा कि गोरखपुर में गन्ना शोध संस्थान की जमीन छीन ली गई और अब बीआरडी पीजी कालेज की भूमि छीन ली गई है। यह गुजरात का विकास माडल है जहां कृषि विश्वविद्यलाय की भूमि को अधिग्रहीत कर नैनो कार के कारखाने को दे दी गई थी। वक्ताओं ने कहा कि यह महाविद्यालय पूर्वांचल की शान है। इसके साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैठक में प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ जोरदार आंदोलन छेड़ने की बात कही गई।
समाजवादी छात्र सभा ने शुक्रवार को महाविद्यालय की जमीन छीने जाने और इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। सछास के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को प्रदर्शन भी किया जिसमें जिलाध्यक्ष मनोज यादव, विजय रावत, रणवीर यादव, हरिओम यादव, अमित प्रधान, श्रवण शर्मा, राजवंशी राजभर आदि शामिल हुए।
प्रशासन अपनी इस कार्यवाही के समर्थन में अजीबोगरीब तर्क दे रहा है। उसका कहना है कि 1954 में महाविद्यालय को यह भूमि कूटरचित दस्तावेज के जरिए दी गई। यह जमीन बंजर, खरह, जंगल और कुर्ना नाला के नाम दर्ज है। उस वक्त के तहसीलदार को इस जमीन को एग्रीकल्चरल कालेज के नाम दर्ज करने का आधिकार नहीं था। सवाल उठता है कि 1954 में देवरिया के डीएम व अन्य अधिकारियों ने क्या महाविद्यालय को जमीन देेने के लिए कूटरचित दस्तावेज की रचना की? देवरिया जिला प्रशासन को 64 वर्ष बाद अचानक यह कैसे जानकारी हुई कि यह जमीन गलत तरीके से महाविद्यालय को दी गई है? यदि जमीन गलत तरीके से दी गई हो तो दस्तावेज ठीक करने के बजाय उसे आवास विकास परिषद को क्यों दिया जा रहा है? क्या पीएम आवास योजना के लिए जिला प्रशासन को कहीं और जमीन नहीं मिल रही है? प्रशासन महाविद्यालय की जमीन को छीन उसके भविष्य के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहा है?
बीआरडी पीजी कालेज को कृषि विश्वविद्यालय की मांग होती रही है। वर्ष 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेताओं ने भी इसे चुनावी मुद्दा बनाया था लेकिन महाविद्यालय की भूमि छीने जाने पर भाजपा नेता चुप है। उन्होंने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। सांसद एवं पूर्व मंत्री कलराज मिश्र व विधायक जनमेजय सिंह के हवाले यह खबर आई है कि वे इस मुद्दे पर डीएम से बात करेंगे।
यह खबर गोरखपुर न्यूज़ लाइन से साभार प्रकाशित है