केजरीवाल सरकार ने कन्हैया और अन्य पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने को दी मंज़ूरी

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने आखिरकार चार साल बाद सीपीआइ के नेता कन्हैया कुमार और उनके संग जेएनयू के छात्र रह चुके उमर खालिद और अनिर्बन सहित अन्य के खिलाफ राजद्रोह का केस चलाने को मंज़ूरी दे दी है। कन्हैया कुमार ने एक ट्वीट कर के इस विलंबित फैसले का स्वागत किया है।

दिल्ली पुलिस ने 14 फरवरी 2016 को इन छात्रों के खिलाफ 9 फरवरी को जेएनयू के भीतर हुए एक आयोजन में नारे लगाने के आरोप मेंं मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने उस वक्त चार्जशीट दाखिल करते वक्त दिल्ली की सरकार से इनके खिलाफ़ राजद्रोह का मुकदमा शुरू करने की मंजूरी मांगी थी। अरविंद केजरीवाल की सरकार इस फाइल पर चार साल से बैठी थी, लेकिन आज उसने इसे मंजूरी दे दी।

आम आदमी पार्टी की सरकार का कहना है कि उसने इस फैसले पर पहुंचने से पहले कानूनी राय ली है। इस तरह के मामले में कोर्ट पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र का तब तक संज्ञान नहीं ले सकती जब तक कि सम्बद्ध राज्य का गृह विभाग इसकी मंजूरी न दे।

ध्यान रहे कि कन्हैया कुमार इधर बीच बिहार में लगातार जनसभाएं कर रहे हैं और भारी भीड़ ले रहे हैं। बिहार चुनाव सिर पर है और उनकी बढ़ती लोकप्रियता भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू सरकार के लिए खतरा बनती जा रही थी। माना जा रहा है कि केजरीवाल ने ठीक इस मौके पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देकर बिहार चुनाव में भाजपा की राह आसान कर दी है।

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