कर्नाटक: हिजाब पर मजलिसे उलमा-ए-हिंद का साझा बयान- शिक्षा हासिल करने में हिजाब बाधा नहीं, प्रतिबंध अलोकतांत्रिक

कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के सभी सदस्यों और उलेमा ने संयुक्त बयान जारी करते हुए इस फैसले को देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया।

मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी के साथ अन्य उलेमा ने स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध को अलोकतांत्रिक करार देते हुए कर्नाटक सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की है।

उलेमा ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि कर्नाटक सरकार ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूनिफॉर्म को अनिवार्य करार देने के नए अध्यादेश के बाद जिस तरह से छात्राओं के हिजाब पहनकर शिक्षण संस्थानों में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया है वह निंदनीय है। यह विवाद एक महीने से अधिक समय से चल रहा है, लेकिन राज्य और केंद्र सरकार द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है। सरकारों को पता होना चाहिए कि हिजाब शिक्षा हासिल करने में बाधा नहीं बनता इसके अनगिनत उदाहरण भारत और दुनिया भर में मौजूद हैं।

मुख्यमंत्री का बयान..

उधर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि संविधान में स्कूलों और कॉलेजों में एकरूपता के नियमों का उल्लेख किया गया है और उनका पालन किया जाएगा।

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