यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF), एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए और ह्यूमन राइट्स वॉच के विशेषज्ञ सोमवार को अमेरिकी कांग्रेस में भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर एक ब्रीफिंग करेंगे. विशेषज्ञ भारत भर में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारत सरकार की क्रूर प्रतिक्रिया का भी विवरण देंगे, जिसमें 30 लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बंदी बनाए गए हैं जिनमें नाबालिग भी शामिल हैं.
नागरिकता संशोधन कानून लाने के खिलाफ यूएससीआईआरएफ ने दिसंबर में एक बयान जारी कर अमेरिकी सरकार से भारत के गृहमंत्री अमित शाह और अन्य प्रमुख नेताओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. यूएससीआईआरएफ एक द्विदलीय और स्वायत्त संघीय आयोग है और इसे कांग्रेस ने मान्यता प्रदान किया था.
इस सम्मेलन के लिए एक भारतीय प्रतिनिधि मंडल भी अमेरिका पहुंच चुका है जिसमें लखनऊ से मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय भी शामिल हैं. ये लोग सीएए के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों पर राजकीय और पुलिसिया दमन की दास्तां बयान बयान करेंगे.
विशेषज्ञ पैनल में फ्रांसिस्कोस बेनकोसम, एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए के एशिया पैसिफिक एडवोकेसी मैनेजर शामिल हैं.फ्रांसिस्कोस बेनकोसम बीते साल 22 अक्टूबर को हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटिंग यानि प्रतिनिधि सभा की उपसमिति के समक्ष भारत की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कश्मीर से धारा 370 ख़त्म किये जाने के बाद घाटी में हुए दमन विस्तार से विवरण पेश किया था.
आज के इस सम्मेलन में बोलने वालों में ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के एशिया एडवोकेसी डायरेक्टर जॉन सिफ्टटन भी शामिल हैं. उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधि सभा के मानवाधिकार आयोग के टॉम लैंटोस समक्ष बीते 14 नवंबर को कश्मीर और एनआरसी के बाद असम में हुए दमन की गवाही दी थी.
वरिष्ठ पत्रकार अजित साही द्वारा अमेरिका से भेजी गयी विज्ञप्ति के आधार पर प्रकाशित