“भ्रमित करने वाला है केजरीवाल का शिक्षा मॉडल!”

 

चंद्रेश कुमार सिंह

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 के रिपोर्ट ने केजरीवाल सरकार के दिल्ली के शिक्षा मॉडल सहित भाजपा शासित राज्यों के शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है । राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की रिपोर्ट में दिल्ली और भाजपा शासित राज्यो के बच्चे फिसड्डी साबित हुए, वहीं पंजाब , राजस्थान , महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्यों के बच्चों का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा।

हाल ही में केंद्र सरकार ने पूरे भारत में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण किया है जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 733 जिलों के 1.23 लाख विद्यालयों के लगभग 38 लाख छात्रों का आंकलन किया गया । यह सर्वेक्षण शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है जिसमे CBSE और NCERT की अग्रणी भूमिका होती है ।यह सर्वेक्षण शिक्षा की प्रभावशीलता पर एक प्रणाली स्तरीय प्रतिविंब प्रदान करता है। उक्त सर्वेक्षण के अंतर्गत ग्रेड 3और 5 के बच्चों के लिए भाषा, EVS और गणित तथा ग्रेड 8 के लिए भाषा, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान जबकि ग्रेड 10 के लिए भाषा, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, और अंग्रेजी जैसे विषयों का उपलब्धि परीक्षण किया गया।

महत्वपूर्ण बात यह है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के शिक्षा मॉडल का ढोल खूब पीटती है जबकि इस सर्वेक्षण में दिल्ली के सरकारी विद्यालयों के छात्र पंजाब , महाराष्ट्र, राजस्थान के छात्रों की तुलना विषयगत ज्ञान के मामले में फिसड्डी साबित हुए। केजरीवाल को यह मालूम होना चाहिए की दिल्ली के लोगो की आज भी पहली पसंद वहां के केंद्रीय विद्यालय ही है जहां बेहतर शिक्षा व्यवस्था का प्रबंध कांग्रेस पार्टी की सरकार ने किया था। कुछ विद्यालयों में सिर्फ भवन या स्विमिंग पूल बना देने से सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो जाता। शिक्षा त्रिध्रुवीय प्रक्रिया है जिसके प्रमुख अंग शिक्षक-पाठ्यक्रम-विद्यार्थी हैं। दिल्ली के सरकारी विद्यालयों में न तो शिक्षक है न ही प्रधानाचार्य, हजारों पद आज भी खाली हैं ऐसे में छात्रों को कौन पढ़ाएगा केजरीवाल के शिक्षा मंत्री सिसोदिया या स्विमिंग पूल या उनका झूठा भाषण यह देश जानना चाहता है। केजरीवाल के सरकारी विद्यालयों की वही स्थिति है जो उनके मोहल्ला क्लीनिक की है। कांग्रेस की सरकार ने देश को केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक विद्यालय, आर्मी स्कूल, कस्तूरबा बालिका विद्यालय आदि का मॉडल दिया जिससे आप और बीजेपी सरकारों को सीख लेनी चाहिए। पंजाब विधानसभा चुनाव में केजरीवाल और भगवंत मान ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल का खूब डंका बजा कर वोट मांगा था जिसका पोल राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 ने खोल दिया जहां दिल्ली के छात्रों की उपलब्धि पंजाब के छात्रों की तुलना में बौना साबित हुई।

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के सुधार हेतु कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अनेक पहल किया जैसे शिक्षा का सर्वभौमीकरण, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, पीएम पोषण ( मिड डे मिल)योजना आदि। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के अनुसार बीजेपी शासित राज्यों का भी कांग्रेस शासित राज्यों की तुलना में प्रदर्शन बहुत खराब रहा जो चिंता का विषय है। इस सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण विद्यार्थियों का प्रदर्शन भी शहरी विद्यार्थियों की तुलना में खराब रहा। बीजेपी और आप को कांग्रेस से सीख लेते हुवे झूठी राजनीति की जगह अपने राज्यों में शिक्षा की गुणवता को बेहतर करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि शिक्षा के बिना देश का विकास संभव नहीं है , पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया।

(लेखक सामाजिक वैज्ञानिक, शिक्षाविद और युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता है )

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