पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों के खिलाफ कांग्रेस आज देशभर में विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने #SpeakUpAgainstFuelHike के साथ डि़जिटल कैंपेन भी चलाया। कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे देश में आज सड़कों पर उतरे। कांग्रेस नेता कहीं बैलगाड़ी तो कहीं तांगे और कहीं साइकिल पर बैठकर प्रदर्शन करने निकले। दिल्ली और लखनऊ समेत कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया।
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश जारी कर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया है उन्होने कोरोना महामारी के समय की गई वृद्धि को तत्काल वापस लेकर जनता को राहत प्रदान करने की सरकार से मांग की।
अपने वीडियो संदेश में सोनिया गांधी ने कंहा कि एक तरफ कोरोना महामारी का कहर और दूसरी तरफ महंगे पेट्रोल-डीजल की मार ने देशवासियों का जीना बेहद मुश्किल कर दिया है। आज देश की राजधानी दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें 80 रुपये प्रति लीटर को पार कर गई हैं। 25 मार्च के लॉकडाउन के बाद मोदी सरकार ने पिछले तीन महीनों में 22 बार लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाई। डीजल की कीमत 11 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल की कीमत 9 रुपये 12 पैसे प्रति लीटर और बढ़ा दिया।
सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले तीन महीने में मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर भी सालाना लाखों करोड़ इक्ट्ठे करने का इंतजाम कर लिया। ये सब तब हो रहा है जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कम हो रही हैं। मैं आप सभी को ये भी याद दिलाना चाहती हूं कि 1014 के बाद मोदी सरकार ने जनता को कच्चे तेल की गिरती कीमतों का फायदा देने की बजाय पेट्रोल और डीजल पर 12 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई, जिससे सरकार ने लगभग 18 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली की। ये अपने आप में जनता के मेहनत की कमाई से पैसा निकालकर खजाना भरने की जीता जागता सबूत है।
सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी ये है कि मुश्किल समय में देशवासियों का सहारा बने, उनकी मुसीबत का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी ना करे। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अन्यायपूर्ण बढ़ोतरी ने सरकार द्वारा देशवासियों से जबरन वसूली का एक नया उदाहरण पेश किया है। न केवल यह अन्यायपूर्ण है बल्कि संवेदनहीन भी है। इसकी सीधी चोट देश के किसान, गरीब, नौकरीपेश लोगों, मध्यम वर्ग और छोटे छोट उद्योगों पर पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि मैं आज कांग्रेस जनों और आप सभी के साथ मिलकर मैं मोदी सरकार से ये मांग करती हूं कि कोरोना महामारी के इस संकट में बढ़ाई गई पेट्रोल और डीजल की कीमतें फौरन वापस ली जाएं। मार्च से आज तक पेट्रोल डीजल पर बढ़ाए गए एक्साइज ड्यूटी को भी वापस ले। इसका फायदा देशवासियों को दिया जाए। आर्थिक संकट के इस कठिन समय में यह बहुत बड़ी राहत होगी।
सरकार पेट्रोल-डीज़ल से मुनाफ़ाख़ोरी बंद करे, एक्साइज़ ड्यूटी घटाये- राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि “जैसा कि आप जानते हैं कोरोना, बेरोजगारी और आर्थिक तूफान आया हुआ है, हिंदुस्तान में, और इस तूफान से सबको नुकसान हुआ है, कोई नहीं बचा। अमीरों को चोट लगी, गरीबों को चोट लगी, मजदूरों को, किसानों को, सबको चोट लगी, ये पूरा देश जानता है। मगर सबसे ज्यादा चोट, सबसे ज्यादा दर्द मजदूरों को, किसानों को, मध्यम वर्ग के लोगों को और सैलरीड क्लास को हुआ है।
हमने कहा था कि कमजोर लोगों की मदद करने के लिए, मध्यम वर्ग की मदद करने के लिए, सरकार को एक्शन लेना ही पड़ेगा और हमने दो सुझाव दिए थे।
पहला सुझाव कि न्याय योजना जैसा एक पैकेज आप तैयार कीजिए। एक साल के लिए नहीं, सिर्फ तीन महीने के लिए कीजिए और हर गरीब व्यक्ति के बैंक अकाउंट में सीधा आप पैसा डालिए, महीने का पैसा डालिए। उससे सबसे कमजोर, सबसे गरीब लोगों को राहत मिलेगी।
दूसरी बात, जो हमारे स्मॉल एंड मीडियम बिजनेसेज हैं, जो देश को रोजगार देते हैं, भाईयों और बहनों, जो छोटे और मिडिल बिजनेसेज होते हैं, वो हिंदुस्तान का 40 प्रतिशत रोजगार पैदा करते हैं। हमने सरकार से कहा कि इनकी रक्षा करनी ही पडेगी, इनको बचाना ही पड़ेगा। इनको बैंकरप्सी से बचाना ही पड़ेगा और एक पैकेज देने की जरुरत है।
सरकार ने इसको भी मना किया। उल्टा सरकार ने 15 सबसे अमीर क्रोनी कैपिटलिस्ट, जो उनके मित्र हैं, उनको टैक्स “राइट ऑफ” दिया, लाखों करोड़ रुपए उनकी जेब में डाल दिए। और फिर सबसे बड़ा, सबसे बड़ा और गलत काम किया, क्या किया? पेट्रोल और डीजल के दाम 22 बार सरकार ने बढ़ाए, 22 बार। एक बार नहीं 22 बार सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए, मतलब 22 बार सरकार ने आपको सीधी चोट पहुँचाई। कमजोर लोगों को, गरीब लोगों को सीधी चोट पहुँचाई।
राहुल गांधी ने कहा कि दो तरीके से चोट लगती है, एक तो आपको पता लग जाता है, डायरेक्ट लगती है, सीधा आपके बैंक अकाउंट में से, आपकी जेब में पैसे निकलता है।आप पेट्रोल भरते हो, पेट्रोल का दाम बढ़ता है और आपको ज्यादा पैसा देना पड़ता है। मगर इंडायरेक्ट तरीके से भी आपको चोट लगती है। होता क्या है, पेट्रोल का दाम अर्थव्यवस्था में छुपा होता है, तो जैसे ही पेट्रोल-डीजल का दाम बढ़ता है, सारा का सारा माल, जो भी आप खरीदते हो, वो महंगा हो जाता है; तो आपको इंडायरेक्ट भी चोट पड़ती है। इसलिए हमने सरकार से कहा है कि जो आपने पेट्रोल में एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है, इसका आप रोल बैक कीजिए, पेट्रोल और डीजल के दाम कम कीजिए।
राहुल ने कहा कि देखिए, कच्चे तेल का दाम गिरता ही जा रहा है, ऑल टाइम लो है कच्चे तेल का दाम; मगर हिंदुस्तान में पेट्रोल और डीजल का दाम सबसे ऊँचा है। इसलिए हमने इनसे कहा है कि इसको एकदम कम कीजिए, गरीबों से, मध्यम वर्ग से आप पैसा लेना बंद कीजिए और “रोल बैक” एकदम कीजिए। आप मिलिए हमारे साथ, एक साथ, अगर हम एक आवाज में बोलेंगे, तो सरकार को बात समझ आएगी और पेट्रोल का दाम फिर से गिरेगा।
देशभर में हुआ विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अनोखे अंदाज में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का विरोध किया। यहां कांग्रेस कार्यकर्ता बैलगाड़ी पर सवार होकर प्रदर्शन करने पहुंचे। इसके साथ कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा भी मौजूद थीं। विरोध प्रदर्शन के दौरान इनकी पुलिस के झड़प भी हुई। बाद में पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया।
कर्नाटक की राजधानी में बेंगलुरू में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ साइकिल रैली निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस कार्यालय पहुंचने के बाद यह रैली एक धरने में तब्दील हो गयी।
.@INCKarnataka workers led by PCC President Shri @DKShivakumar & former CM, Shri @siddaramaiah protest against unnecessary hikes in fuel prices by BJP govt. #SpeakUpAgainstFuelHike pic.twitter.com/IhWNi27XFl
— Congress (@INCIndia) June 29, 2020
महाराष्ट्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोराट और अशोक चव्हाण समेत कई नेताओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर बालासाहब थोराट ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम घटाए जाने चाहिए क्योंकि लोग पहले से ही लॉकडाउन से प्रभावित हैं। उन्होने पेट्रोल-डीजल परत एक्साइज ड्यूटी को तत्काल घटाने की मांग की। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने सांगली में विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की। वहीं राज्य के मंत्री सतेज पाटिल ने कोल्हापुर में प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
उत्तराखंड में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उत्पाद शुल्क में वृद्धि को वापस लेने की मांग की। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने उत्तराखंड की रायपुर विधानसभा इलाके में बैलगाड़ी में सवाल होकर डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाने एवं महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।