TRP फ़र्ज़ीवाड़े में अर्णब गोस्वमी को बचाने के लिए CBI का बेशर्म इस्तेमाल !

भाजपा की राजनीतिक बदमाशी को अंजाम देने के लिए मोदी सरकार बेहद बेशर्मी से सीबीआई को सामने कर रही है। हालाँकि उसकी, मार्फ़त सीबीआई, सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या को हत्या करार देकर बिहार चुनाव का मुद्दा बनाने की हाल की मुहिम टाँय-टाँय फुस्स हो गयी थी। अब वह एक बार फिर टीआरपी मामले में घिरे अपने भक्त मीडिया चैनलों को मुंबई पुलिस के दबाव से राहत दिलाने में सीबीआई का इस्तेमाल जम कर करेगी।

टीआरपी मामले में मुंबई पुलिस का शिकंजा अर्णव गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी पर कसता देख, मोदी सरकार ने मैदान में अपनी संकटमोचक सीबीआई की एंट्री करा दी है। योगी की पुलिस ने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में किसी गोल्डेन रैबिट कम्पनी के क्षेत्रीय निर्देशक की ओर से अज्ञात मीडिया चैनलों के ख़िलाफ़ न सिर्फ एक एफ़आईआर दर्ज की बल्कि इसे तुरंत सीबीआई को सौंपने की सिफ़ारिश भी कर दी।

मिलीभगत का आलम यह है कि मोदी सरकार के निर्देश पर सीबीआई ने हाथों-हाथ केस में जाँच करना स्वीकार भी कर लिया। अब सीबीआई की मार्फ़त इस मामले में केंद्र की दो अन्य एजेंसियों ईडी और इनकम टैक्स को भी उतारा जा सकता है। कोशिश होगी कि किसी प्रकार मुंबई पुलिस की जाँच से मित्र चैनलों पर पड़ रहे दबाव को कम किया जाए।

कहते हैं बदमाश को अंततः राजनीति में ही शरण मिलती है। यानी अपने देश में राजनीति के व्यापक अपराधीकरण के वर्तमान दौर में अजूबा कुछ भी नहीं। लिहाज़ा, यह स्वभाविक है कि सरकार में काबिज हो चुका अपराधी दिमाग अपना स्वार्थ साधने में हर सरकारी संस्था का खुल कर दुरुपयोग भी करे।

केंद्र सरकार की नामी जाँच एजेंसी सीबीआई के साथ भी यही हो रहा है। भाजपा की राजनीतिक बदमाशी को अंजाम देने के लिए मोदी सरकार बेहद बेशर्मी से सीबीआई को सामने कर रही है। हालाँकि उसकी, मार्फ़त सीबीआई, सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या को हत्या करार देकर बिहार चुनाव का मुद्दा बनाने की हाल की मुहिम टाँय-टाँय फुस्स हो गयी थी। अब वह एक बार फिर टीआरपी मामले में घिरे अपने भक्त मीडिया चैनलों को मुंबई पुलिस के दबाव से राहत दिलाने में सीबीआई का इस्तेमाल जम कर करेगी।

विकास नारायण राय, अवकाश प्राप्त आईपीएस हैं. वो हरियाणा के डीजीपी और नेशनल पुलिस अकादमी, हैदराबाद के निदेशक रह चुके हैं।


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