BHU: अनंत नारायण मिश्रा के निलंबन को HC ने निरस्त किया

प्रोफेसर मनोज कुमार वर्मा

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में असिस्टेंट प्रोफेसर मनोज कुमार वर्मा पर हमले का मुख्य आरोपी अनंत नारायण मिश्रा के निलंबन को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है।

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गौरतलब है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में गत 28 जनवरी को आदिवासी शिक्षक मनोज कुमार वर्मा पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया था। आपराधिक हमले के बाद वर्मा का चरित्र हनन करने की नीयत से करीब 43 शिकायतें मुख्य आरक्षाधिकारी कार्यालय में उनके खिलाफ दर्ज कराई गई थीं।

बता दें कि 31 जनवरी 2019 को विश्वविद्यालय के कुल-सचिव कार्यालय द्वारा कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक ए. वैशम्पायन की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय आंतरिक कमेटी ने घटना के दौरान कक्षा एवं विभाग में मौजूद छात्रों और शिक्षकों की गवाही के आधार पर लिखा है, “बदमाश, विभागाध्यक्ष कक्ष में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अरविन्द कुमार जोशी से बातचीत करते हुए पहले दिखाई दिये थे। उसके बाद उन्होंने बेरहमी से डॉ. मनोज कुमार वर्मा पर आपराधिक हमले को अंजाम दिया।“ जांच कमेटी ने लिखा है कि घटना पूर्व-नियोजित एवं प्रायोजित थी और इसे घटित होने से रोका जा सकता था।
जांच कमेटी ने पुलिस एफआइआर और गवाहों के बयान के आधार पर समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार वर्मा पर हमला करने वाले बदमाशों में दो का जिक्र किया था जिनमें एक अनंत नारायण मिश्रा सामाजिक संकाय के एम.ए. इन इंटिग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट मैनेजमेंट (आईआरडीएम) का छात्र है जबकि दूसरा अजित यादव विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र है। दोनों ही डॉ. मनोज कुमार वर्मा की कक्षा अथवा विभाग के छात्र नहीं हैं। जांच कमेटी शेष हमलावर बदमाशों की पहचान नहीं कर पाई थी।

कमेटी ने गत 16 फरवरी को विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय के नियमों के तहत इन दोनों छात्रों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन ने गत 30 मार्च को जांच समिति की अनुशंसा के आधार पर आरोपी छात्र अनंत कुमार मिश्रा को अदालती कार्रवाई पुरी होने तक निलंबित कर विश्वविद्यालय की सभी सुविधाओं से वंचित कर दिया था।

BHU के आदिवासी शिक्षक पर किया गया हमला ‘सुनियोजित’ था: जांच कमेटी

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