हाथ में उस्तरा, पेट में भूख, लॉकडाउन में बर्बाद हुआ नाई समाज !

सोशल मीडिया में ऐसी तमाम तस्वीरें घूम रही हैं जिनमें लोग घरों में ही अपनी हज़ामत बनवा रहे हैं या बना रहे हैं। मतलब दाढ़ी तो छोड़िये, बाल बनवाने के लिए भी कुछ कैंची उठा रहे हैं। लेकिन इस आत्मनिर्भरता ने नाइयों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। लॉकडाउन के साथ ही उनकी दुकानें बंद हैं और छूट की कोई गुंजाइश दिखती नहीं है। कोरोना वायरस के डर से लोग सैलून में जल्दी जाना भी नहीं चाहेंगे। दुकानें बंद होने से नाई समाज के सामने भुखमरी का संकट पैदा हो गया है।

बहरहाल अब उनका धैर्य टूटता दिख रहा है। न सिर्फ नाई की दुकान चलाने वाले बल्कि इन दुकानों पर काम करने वाले भी बुरी तरह परेशान हैं। कई जगह वे सड़क पर उतर रहे हैं या उतरने का मन बना रहे हैं। इस सिलसिले में जौनपुर के मछलीशहर में आल इंडिया जमात-ए-सलमानी के ज़िला अध्यक्ष व कांग्रेस माइनॉरिटी सेल के पूर्व ज़िला अध्यक्ष जब्बार अली सलमानी ने अपने नाई दुकानदारों के साथ SDM मछलीशहर को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से गुज़ारिश किया है कि सैलून मज़दूर भुखमरी के कगार पे है अतः इन्हें भी गाइडलाइन के साथ दुकान खोलने की छूट दी जाए या तो 5000 ₹ की सरकार आर्थिक मदद का एलान करे ।

उधर, सैलून मज़दूरों ने बताया की हम लोग रोज़ 200 से 400 रुपये कमाते थे लेकिन जब से लॉक डाउन हुआ है तब से बच्चों समेत भूखा सोने पर मजबूर हैं। सरकार को नाई समाज की इस परेशानी को नजरअंदाज़ नही करना चाहिए। इनके लिए कोई ना कोई आर्थिक मदद या सैलून को गाइडलाइन के साथ खोलने का आदेश दिया जाना चाहिए ।

 


जौनपुर से गुलनवाज़ अहमद की रिपोर्ट।

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