नागरिक अधिकारों से जुड़े समाज के अलग-अलग क्षेत्र के लोगों की एक टीम ने 25 से 30 सितम्बर और 6-7 अक्टूबर को कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता और समर्थन जताने तथा राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद तालाबंदी से वहां उपजे हालात जानने के लिए घाटी का दौरा किया. इस दल में लुधियाना से मनोचिकित्सक और लेखक अनिरुद्ध काला, ब्रिनेल्ले डिसूजा, पत्रकार रेवती लाल और सामाजिक कार्यकर्त्ता शबनम हाशमी शामिल थीं.
इस दल ने घाटी के लोगों से मिलकर उनकी परेशानियों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है. इस दल ने कहा है कि दस्तावेज़ में उन लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके नाम और पहचान को गुप्त रखा गया है. बाकी उन लोगों ने जो कुछ बताया है वह सभी इस रिपोर्ट में शामिल हैं.
कुल 76 पन्नों की इस रिपोर्ट को चार अध्यायों में बांटा गया है. इस रिपोर्ट में हर एक बिंदु पर बात की गई है.
दल के सदस्यों ने दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दल ने कश्मीर के हर पक्ष पर बात की है.
बीते दो महीनों से कश्मीर के लोगों ने अपनी दुकाने, दफ्तर आदि बंद रखे हुए हैं और यह किसी अलगाववादी नेता के आह्वान पर नहीं किया गया है. दरअसल कश्मीरी जनता अब भारत सरकार से किसी तरह का संवाद नहीं करना चाहती है.
पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं :
Report (1)