रास्ता रोके जाने से परेशानी, किसान आंदोलन का समाधान ढूँढे केंद्र- सुप्रीम कोर्ट

विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों से किसानों का विरोध-प्रदर्शन चल रहा है, जिससे राजधानी के कुछ रास्ते बाधित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 23 अगस्त को रोड ब्लॉक पर आपत्ति जताते हुए केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों को इसका समाधान निकालने का निर्देश दिया है।

SC याचिका पर कर रहा था सुनवाई..

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ, नोएडा की एक निवासी मोनिका अग्रवाल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में याचिकाकर्ता मोनिका अग्रवाल ने कहा है कि शीर्ष अदालत द्वारा सार्वजनिक सड़कों को साफ रखने के लिए कई निर्देशों के बावजूद उसका पालन नहीं किया गया है। सिंगल मदर होने के कारण नोएडा से दिल्ली का सफर करना उनके लिए एक बुरे सपने जैसा हो गया है।

विरोध का अधिकार है लेकिन सड़कों को अवरुद्ध नहींं: SC

सुनवाई के दौरान पीठ ने रोड ब्लॉक पर आपत्ति जताते हुए कहा की किसानों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चित काल तक अवरुद्ध नहीं रखा जा सकता।

समाधान केंद्र और संबंधित राज्यों के हाथ में: SC

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में मौजूद पीठ ने सरकारों को निर्देश देते हुए कहा, “आपको समाधान निकालना होगा। समाधान केंद्र और संबंधित राज्यों के हाथ में ही है।” उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कोर्ट को जानकारी दी कि वह किसानों को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों के अनुसार विरोध प्रदर्शन के लिए रोड अवरुद्ध की अनुमति नहीं है।

अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार केंद्र और राज्य सरकारों को किसानों के विरोध प्रदर्शन का समाधान निकालना होगा जिसे वह लंबे समय से अनदेखा कर रही थी।

 

 

First Published on:
Exit mobile version