बाइडन प्रशासन भारत में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर मज़बूती से बोले- न्यूयॉर्क काउंसिल ऑफ़ चर्च

न्यूयॉर्क काउंसिल ऑफ चर्च ने एक खुला पत्र जारी करके भारत में ईसाई तथा अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ जारी हिंदुत्ववादी हिंसा पर “मजबूत ढंग से बोलने” के लिए बाइडन प्रशासन का आह्वान किया। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) ने इस खुले पत्र के लिए काउंसिल की सराहना की है।

राष्ट्रपति बाइडन, सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट एंटनी ब्लिंकन और अन्य प्रमुख निर्वाचित अधिकारियों को संबोधित पत्र में, एन.वाई काउंसिल ऑफ चर्च ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भारत में, विशेष रूप से मणिपुर में,  ईसाई-विरोधी हिंसा बढ़ने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। वहाँ आदिवासियों को मुख्य रूप से हिंदू मैतेई भीड़ के हाथों अपने गांवों, चर्चों और घरों पर सैकड़ों हिंसक हमलों का सामना करना पड़ा है।

पत्र में कहा गया है, “न्यूयॉर्क स्टेट काउंसिल ऑफ चर्च… राष्ट्रपति और कांग्रेस से भारतीय प्रधान मंत्री मोदी द्वारा ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के खिलाफ मजबूती से बोलने का आह्वान करता है।” पत्र पर ईसाई समुदाय के 25 नेताओं के हस्ताक्षर हैं।

इस पत्र में बताया गया है कि अमेरिका द्वारा एक सहयोगी के रूप में भारत की प्रशंसा के बावजूद,  मोदी समर्थकों का भारतीय अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के प्रति सहानुभूति रखने वाले अमेरिकी नागरिकों को गाली देने का लिखित ट्रैक रिकॉर्ड है।

“हम संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदू राष्ट्रवादी संबद्ध समूहों की वृद्धि को लेकर चिंतित हैं, जिनमें से कई हमारी घरेलू राजनीति को प्रभावित करते हैं, भारत में क्या हो रहा है, इसके बारे में गलत सूचना फैलाते हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका के उन नागरिकों को चुप कराने और डराने की कोशिश करते हैं जो भारत सरकार के आलोचक हैं।” पत्र में कहा गया है।

पत्र में अमेरिकी सांसदों की इस बात के लिए आलोचना की गई है कि वे “खुले तौर पर प्रधानमंत्री का बचाव करने के लिए अपने ईसाई सिद्धांतों को अलग रखने और ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भारत सरकार के सभी दुर्व्यवहारों को नजरअंदाज करने” के लिए तैयार हैं, खासतौर पर जब कई अमेरिका से जुड़े कार्यकर्ताओं, पत्रकारों के लिए और मानवाधिकार संगठनों को मोदी समर्थकों की ओर से गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने भारतीय ईसाइयों और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने वालों के साथ अपनी एकजुटता ज़ाहिर करते हुए बाइडेन प्रशासन से पूरे भारत में ईसाइयों पर चल रहे हमलों की सार्वजनिक रूप से निंदा करने का आह्वान किया है।

 

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