अमेरिका ने पुलित्‍ज़र पुरस्‍कार विजेता को वीज़ा नहीं दिया, तो साथियों ने उन्‍हें लाइव कर दिया!

मंगलवार को पुलित्‍ज़र पुरस्‍कार आयोजन में शामिल होने के लिए अमेरिका ने तीन विजेताओं में से एक यमन के पत्रकार माद अल-जि़क्री को वीज़ा नहीं दिया। सम्‍मानित तीन पत्रकारों की टीम में वहां पहुंचे दो ने उन्‍हें आयोजन समारोह में इंटरनेट पर जोड़ा ताकि वे सम्‍मान समारोह को लाइव देख सकें। पुरस्‍कार लेने के लिए मंच पर जाते हुए उनके साथी पत्रकार ने मोबाइल पर उनका चेहरा दिखाया।

माद ने अपने साथी पत्रकारों सहित अपने साथ खड़े होने वाले सभी शुभेच्‍छुओं को एक ट्वीट में धन्‍यवाद दिया है। दूसरी ओर ने उनके नियोक्‍ता एसोसिएटेड प्रेस ने अमेरिका के इस कदम की निंदा की है।

इस बार का पुलित्‍ज़र पुरस्‍कार एसोसिएटेड प्रेस के तीन पत्रकारों माद अल-जिक्री, मैंगी मिशेल और नरीमन अल-मुफ्ती को दिया गया है। पुरस्‍कार लेने के लिए तीनों को अमेरिका आना था। मैगी और नरीमन तो कार्यक्रम में पहुंच गए लेकिन माद नहीं पहुंच सके।

यमन में अमेरिका का कोई दूतावास नहीं है इसलिए माद ने मिस्र के दूतावास के माध्‍यम से वीज़ा का आवेदन किया था। महीने की शुरुआत में वीज़ा के लिए उन्‍होंने साक्षात्‍कार भी दिया लेकिन उन्‍हें वीज़ा नहीं मिला।

एपी के कार्यकारी निदेशक ने संस्‍थान द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा, ‘’पुलित्‍ज़र आयोजन में आने के लिए माद को अमेरिकी वीज़ा नहीं मिलने से हम बहुत हताश हैं।‘’

इससे पहले भी माद को पत्रकारीय साहस के लिए मैक्गिल पुरस्‍कार मिल चुका है। उस वक्‍त भी जॉर्जिया में आयोजित इसके सम्‍मान समारोह में आने के लिए उन्‍होंने वीज़ा का आवेदन किया था जिसे ठुकरा दिया गया था। इस बार जब उनकी टीम को पुलित्‍ज़र मिला तो वीज़ा आवेदन का जवाब तक नहीं आया।

बुधवार को लिखे एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में अल-जि़क्री ने कहा कि मिशेल और मुफ्ती को समारोह में देखकर उन्‍हें उन्‍हें ऐसा महसूस हुआ कि वे वहीं पर उनके साथ मौजूद हैं।

 

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