गिरिराज सिंह, सुधीर चौधरी और ट्विटर पोल
गिरिराज सिंह केंद्रीय मंत्री हैं, भारत सरकार के पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री और अपने काम से ज़्यादा अपने भड़काऊ, सांप्रदायिक और पाकिस्तान भेजने वाले बयानों के लिए जाने जाते हैं। बेगूसराय से सांसद हैं और ये सीट उनसे ज़्यादा – उनके ख़िलाफ़ कन्हैया कुमार के चुनाव लड़ने के कारण चर्चित हो गई थी। ट्विटर पर गिरिराज सिंह अपने गोत्र के नाम Shandilya Giriraj Singh के साथ सक्रिय हैं और खूब ट्वीट करते हैं। अमूमन उसमें उनके मंत्रालय के कामों का ज़िक्र कम होता है, जिस पर हम आगे बात करेंगे। फिलहाल बात उस ट्विटर पोल की, जिसको गिरिराज सिंह ने ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ हुई एफआईआर के बचाव में शुरु किया, ट्विटर पर ट्रोल हो गए और फिर उनको अपना मान बचाने के लिए, अपना अकाउंट लॉक करना पड़ा।
सांप्रदायिक भाषा वाला ट्वीट और पोल
सबसे पहले तो पूरी ज़िम्मेदारी के साथ मीडिया विजिल की ओर से हम ये कहना चाहेंगे कि इस ट्वीट की भाषा भयानक आपत्तिजनक और सांप्रदायिक है। गिरिराज सिंह अपने चहेते या प्रिय पत्रकार को डिफेंड करें, इसमें कोई समस्या नहीं – लेकिन इसके बहाने वो किसी समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काऊ टिप्पणी करें, इसका अधिकार भारत का संविधान और क़ानून उनको केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद नहीं देता है। इस ट्वीट को पढ़िए और समझिए कि कैसे इसमें एक समुदाय विशेष के प्रति वैमनस्य फैलाया गया है।
पहले जेहाद के नाम पर मारकाट अराजकता मचाएंगे फिर अगर इसके खिलाफ कोई आवाज उठाए और सच्चाई दिखाए तो उस पर FIR करेंगे?
हिंदुस्तान की भावना के साथ चल रही @sudhirchaudhary जी और @ZeeNews की मुहिम के साथ हूं …क्या आप हैं?— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) May 9, 2020
इस ट्वीट के साथ एक पोल भी था, जिसमें पूछा गया था कि कितने लोग सुधीर चौधरी और उनकी मुहिम (जो कि साफतौर पर एक संप्रदाय के विरोध में है) के साथ हैं। इस पोल को हाल ही में, ज़ी न्यूज़ और उसके संपादक के ख़िलाफ़ सांप्रदायिकता फैलाने के मामले पर दर्ज हुई एफआईआर के विरोध में किया गया था। इस ट्वीट के तुरंत बाद ही न केवल इसका विरोध शुरु हुआ, बड़े पैमाने पर इस ट्वीट पर वोट आने लगे। हालांकि निश्चित रूप से गिरिराज सिंह ने सोचा होगा कि इस पोल में बड़े पैमाने पर उनके, उनकी विचारधारा के समर्थक वोट करेंगे और ये पोल वो आसानी से अपने पक्ष में कर लेंगे। लेकिन पोल के जब साढ़े 7 घंटे ही बचे थे, इस मुहिम के ख़िलाफ़ वोट बढ़कर, लगभग बराबर पहुंच गए थे। (नीचे तस्वीर देखें)
लेकिन ट्विटर पोल – उल्टा पड़ गया!
— Winston Saldanha (@SaldanhaWinston) May 9, 2020
और अब तक गिरिराज सिंह को अच्छी तरह समझ आ गया कि ट्विटर पर उनकी प्रतिष्ठा (जी, कम से कम वो और उनके समर्थक इसको प्रतिष्ठा ही मानते हैं) पर संकट आ गया है। गिरिराज सिंह को कुछ और समझ में नहीं आया तो उन्होंने हड़बड़ी में अपना अकाउंट लॉक कर दिया। यानी कि अब ये अकाउंट अचानक से पब्लिक नहीं रह गया था। मतलब कि उन्होंने पोल, जिस स्थिति में था – लगभग वहीं पर रोक दिया या फिर सिर्फ उनके पुराने फॉलोअर्स ही उस पर वोट कर सकते थे। मतलब पोलिंग का समय समाप्त होने से पहले ही पोलिंग बंद कर देना।
फिर हुई गिरिराज की ट्रोलिंग
लेकिन गिरिराज सिंह को ये अंदाज़ा नहीं था कि इसके बाद वो और अधिक ट्रोल होंगे। उनके पोल और अकाउंट लॉक करते ही ट्विटर पर उनको अलग-अलग नामों और मुहावरों से नवाज़ा जाने लगा। किसी ने उनको भगोड़ा कहा, तो हज़ारों ट्विटर यूज़र्स ने उनको ईवीएम हैक करने के ख़िताब से नवाज दिया।
इसे डिजिटल बूथ कैप्चरिंग कहते हैं आपने आख़िर के घंटों में जनता को मतदान नहीं करने दिया,
प्रोफ़ाइल की सेटिंग बदल ली,पोलिंग सिर्फ फ़ॉलोवर्स के लिए खुली थी सिर्फ समर्थकों ने ही वोट डाला,
ऐसा कौन करता है श्रीमान आप भारतीय गणराज्य के मंत्री हैं, कुछ तो मर्यादा रखते#गिरिराज_भगोड़ा_है— Mukesh Gupta (@MukeshForInc) May 11, 2020
मामला यहीं पर नहीं रुका, ट्विटर पर थोड़ी ही देर में हैशटैग ट्रेंड करने लगे, इनमें से कुछ हैशटैग ट्विटर पर इंडिया के टॉप ट्रेंडिंग में आ गए। ये हैशटैग थे – #गिरिराज_हैंडल_पब्लिक_कर, #गिरिराज_भगोड़ा_है, #गिरिराजजी_आप_कहाँ_हो और गिरिराज सिंह की तमाम कोशिशों के बाद, उनकी ये चालाकी, चारों ओर चर्चा का बायस बन गई।
अंत में – और ट्रोल हुए गिरिराज
इसके बाद पोल की अवधि समाप्त हुई, गिरिराज सिंह को लगा कि अब खुशी-खुशी अपना अकाउंट दोबारा सार्वजनिक किया जा सकता है। उन्होंने ट्विटर अकाउंट खोल दिया। अकाउंट खुला तो पोल सामने आया, जो कि बिना पूरी वोटिंग के पूरा हो चुका था। लेकिन पोल में लगभग उतने ही वोट थे, जितने अकाउंट को लॉक करते समय थे। सामने दिखते पोल में वोटिंग, गिरिराज सिंह के पक्ष में दिख रही थी – लेकिन चूंकि 7 घंटे पहले ही ये पोल बंद हो चुका था, इसके वोट और परसेंटेज साफ बता रहे थे कि गिरिराज सिंह ये पोल हार सकते थे। और फिर इसके बाद #गिरिराज_भगोड़ा_है ट्रेंड करने लगा।
So BJP IT Cell used its automated bots and fake accounts to hijack the poll as soon as it went live. Wrong move.
Never underestimate the power of the common man.
The game is on!
— Rofl Republic (@i_theindian) May 9, 2020
When Giriraj Singh saw that he was certainly going to loose the poll, he locked his account so that only brainless bhakts followers can vote for him. #गिरिराज_भगोड़ा_है pic.twitter.com/hIwrPlS1i7
— Unofficial Sususwamy (@swamv39) May 10, 2020
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