Sniper 3D Assassin: ब्रेकिंग न्‍यूज़ आते ही रिश्‍वतखोर पत्रकार को गोली मारने का नया खेल!

अब मोबाइल गेम के जरिये पत्रकारों की हत्या का नया खेल शुरू हो गया है. नए मोबाइल गेम ‘स्नाइपर 3D असैसिन’ के सातवें मिशन में एक पत्रकार की हत्या का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस मिशन का नाम है-‘ब्रेकिंग न्यूज़’.

ब्रेकिंग न्यूज़ नामक इस नये मिशन को पूरा करने के लिए पहले स्नाइपर राइफल को अपग्रेड करना होगा, तभी आप 1000 फीट की दूरी से अचूक निशाना लगा कर इस मिशन को पूरा कर सकते हैं.

गेम के डिस्क्रिप्शन में लिखा है- अपने स्नाइपर लो, लक्ष्य साधो और अपने दुश्मनों की शूट करो!

“ब्रेकिंग न्यूज” मिशन में एक पत्रकार एक पुलिस अधिकारी को रिश्वत देकर एक बैग हासिल करता है. बैग में कुछ बहुत अहम् और संवेदनशील दस्तावेज़ है. जैसे ही पत्रकार घूस देकर बैग लेने की कोशिश करेगा ठीक उस वक्त स्नाइपर को गोली चलानी है. इस तरह वह अलग तरीके से प्रसिद्ध होना चाहता है.

कोई जानकारी या दस्‍तावेज़ प्राप्‍त करने के लिए रिश्‍वत देना पत्रकारीय नैतिकता के मानदंडों के खिलाफ होता है, लेकिन इस गेम में अनिवार्यत: यह बात शामिल है। यही कारण है कि इस सातवें मिशन की खूब आलोचना हो रही है.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश के रे ने इस गेम के नये लक्ष्य से व्यथित होकर अपने फेसबुक पर लिखा है -“पत्रकारिता को मारने के बाद अब आप पत्रकार को मार सकते हैं. मारने का यह एप्प गूगल प्ले या एप्पल से डाउनलोड करें, पत्रकार मारें. मारने में जो मज़ा है, वो ट्रोल करने और गरियाने में कहां है! गूगल आपके साथ, एप्पल आपका, फ़ेसबुक आपका, अख़बार आपका, टीवी भी… अब भी मारने से पेट नहीं भरा, तो स्नाइपर बनो! मारो! मारो!”

2014 में इस एप को शुरू किया था और इस गेम को ब्राज़ील की टीएफजी नामक कम्पनी ने तैयार किया था. कम्पनी के अनुसार, 2016 में यह ऐप स्टोर से सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला गेम है.

बीते वर्षों में भारत सहित दुनिया भर में लगातार पत्रकारों पर हमले बढ़े हैं और अकेले भारत में 150 से अधिक पत्रकारों की हत्या हुई हो चुकी है.
5 सितम्बर 2017 को वरिष्ठ पत्रकार और दक्षिणपंथियों की आलोचक रही गौरी लंकेश की बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.


रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में दुनिया भर में 80 पत्रकारों की हत्या हुई है. जिन 80 पत्रकारों की हत्या की गई है उनमें से 63 पेशेवर पत्रकार थे. वहीं अमेरिका में भी ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से 2017 से पत्रकारों के खिलाफ हमले बढ़ गए हैं. ट्रंप भी लगातार पत्रकारों के खिलाफ हमले करते रहते हैं और पत्रकारों को आम लोगों का दुश्मन करार देते हैं.

आज आज़ाद मीडिया की सूची में भारत सबसे निचले पायदान पर पहुँच चुका है.

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