“अध्यक्ष मेहरबान तो पत्रकार पहलवान”: खबर की प्रतिक्रिया में छत्तीसगढ़ के दो पत्रकारों का पत्र

मीडियाविजिल डेस्क 

मीडियाविजिल ने एक दिन पहले भगवान पाठक की बाइलाइन से एक खबर छापी थी जिसमें बताया गया था कि छत्तीसगढ़ से 50 पत्रकार भाजपा द्वारा दिल्ली लाये गए थे. साथ ही यह भी बात थी कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कुछ बड़े संपादक भी भाजपा द्वारा अध्यक्ष अमित शाह से भेंट करने को बुलाये गए थे. खबर की पुष्टि के लिए भाजपा के मीडिया प्रवक्ता अनिल बलूनी की ट्विटर टाइमलाइन सहित छत्तीसगढ़ के दो पत्रकारों के सोशल मीडिया खाते से तस्वीरें लगाई गई थीं. देर शाम यह खबर छपने से पहले 30 मई को दिन में छत्तीसगढ़ के पत्रकार मृगेंद्र पाण्डेय को दो बार मीडियाविजिल के कार्यकारी सम्पादक की तरफ से खबर की पुष्टि और उनका पक्ष जानने के लिए फ़ोन किया गया. फ़ोन नहीं उठा तो एक टेक्स्ट मेसेज भेजा गया. खबर छपने तक सन्देश का कोई जवाब नहीं आया. देर शाम खबर छपने के बाद देर रात ग्यारह बजे मृगेंद्र पाण्डेय का वापस फोन आया और उन्होंने पत्रकारों के दिल्ली दौरे के सम्बन्ध में कुछ तथ्य रखे, जिनमें एक तथ्य यह था कि पूरे देश से 50 पत्रकार बीजेपी द्वारा दिल्ली बुलाये गए थे, अकेले छत्तीसगढ़ से केवल तीन पत्रकार गए थे. इसके अलावा उन्होंने आने-जाने के किराए और ठहरने के खर्च आदि पर भी सफाई दी. मीडियाविजिल ने उनसे लिखित में आपत्ति भेजने को कहा. देर रात आशीष तिवारी का लिखित सन्देश प्राप्त हुआ और मृगेंद्र पाण्डेय ने आज दिन में फोन कर के बताया कि उन्होंने अपना पक्ष अपनी फेसबुक दीवार पर रख दिया है.

हम दोनों पत्रकारों के भेजे सन्देश नीचे प्रकाशित कर रहे हैं. जो भी तथ्यात्मक त्रुटियाँ इन पत्रकारों ने खबर में गिनवाई हैं, ये त्रुटियाँ केवल इसलिए चली गयीं क्योंकि पक्ष जानने के लिए किये गए फोन पर पत्रकारों ने प्रतिक्रिया नहीं दी. यदि खबर के प्रकाशन से पहले पत्रकार का पक्ष आ जाता तो ये त्रुटि संभव नहीं थी.

(संपादक) 


अध्यक्ष मेहरबान तो पत्रकार पहलवान! हिंदी पत्रकारिता दिवस की कुछ अश्लील तस्वीरें!

 

मीडियाविजिल के संपादक के नाम स्वराज चैनल के पत्रकार आशीष तिवारी का पत्र 

संपादक महोदय
www.mediavigil.dream.press
नमस्कार
मैं आशीष तिवारी हूँ। छत्तीसगढ़ में स्वराज एक्सप्रेस चैनल में कार्यरत हूँ। मैं आपकी वेबसाइट का नियमित पाठक भी हूँ। दरअसल मेरा ये पत्र कोई स्पष्टीकरण नहीं है, चूंकि मैं लगातार इस वेबसाइट से बतौर पाठक जुड़ा हूँ, लिहाजा अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी मानते हुए आपको हकीकत से रुबरु कराना चाहता हूं।
“अध्यक्ष मेहरबान तो पत्रकार पहलवान” शीर्षक से आपकी वेबसाइट में एक खबर पोस्ट की गई है. इस खबर में मेरे निजी फेसबुक की तस्वीरों को लगाया गया है. इसलिए मैं कुछ हकीकत को आपके सामने रखना चाहता हूं।
पिछले दिनों बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देशभर से रीजनल मीडिया में कार्यरत पत्रकारों को दिल्ली आमंत्रित किया था. यह आयोजन मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल पूरे होने से जुड़ा हुआ था. होटल अशोका में हुए इस कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने चार साल के कार्यकाल पर आधारित एक प्रेजेंटेशन भी दिया। इसके बाद देशभर से आये पत्रकारों से अमित शाह ने मिशन 2019 के अलावा राज्यों की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा भी की। पत्रकारों ने सवाल-जवाब भी किया।
www.midiavigil.com में इसे लेकर एक खबर पोस्ट की गई है। खबर में इस बात का जिक्र किया गया है कि बीजेपी छत्तीसगढ़ के 50 पत्रकारों को दिल्ली लेकर गई। पांच सितारा होटल में ठहराया गया। वगैरह-वगैरह।
इसका आमंत्रण मुझे भी मिला था. इसकी जानकारी मेरे चैनल प्रबंधन को थी और प्रबंधन से मिले दिशा निर्देशों के तहत मैं दिल्ली भी गया। मेरे दिल्ली जाने और वापस आने का खर्चा मेरे चैनल प्रबंधन ने किया। टिकट की कॉपी मैं इस पत्र के साथ ही अटैच कर रहा हूँ, चूंकि दिल्ली में पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरे कई अभिन्न मित्र कार्यरत है, इसलिए मैं अपने मित्र के घर पर रूका। इससे दिल्ली में किसी होटल में रुकने का कोई खर्च मुझे नहीं उठाना पड़ा। मैं 27 की सुबह दिल्ली पहुँचा, शाम में कार्यक्रम में शामिल हुए, रात में पारिवारिक माहौल के बीच अपने दोस्त के आवास पर रुका और अगली सुबह रायपुर लौट आया।
खबर में जिक्र है कि दिल्ली दौरे में छत्तीसगढ़ से 50 पत्रकार ले जाये गए थे। जबकि ऐसा नहीं है, मुझे मिलाकर सिर्फ तीन पत्रकार ही दिल्ली गए थे। मेरी जानकारी में सभी पत्रकारों को उनके संस्थान ने इस दौरे की अनुमति दी थी। किसी भी पत्रकार के रहने की व्यवस्था बीजेपी द्वारा नहीं की गई। मुझे छोड़कर बाकी दो पत्रकार दिल्ली के पहाड़गंज स्थित होटल पार्क वे में रुके थे, जिसकी जानकारी दोनों ने मुझे दी थी। यह व्यवस्था भी बीजेपी की नहीं थी। निजी व्यवस्थाओं से दोनों पत्रकार इस होटल में रुके थे।
चैनल के अलावा मेरे संस्थान द्वारा छत्तीसगढ़ में एक वेबसाइट भी चलाई जाती है, लिहाजा अमित शाह से हुई बातचीत के आधार पर मैंने दो खबरें वेबसाइट पर लगाई भी, जिसे वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है। मेरा दिल्ली का यह दौरा पूरी तरह में मेरे संस्थान की ओर से भेजा गया आधिकारिक दौरा ही था। इसकी पुष्टि मेरे चैनल के संपादक से की जा सकती है।
ऐसे में आपकी वेबसाइट पर मेरी निजी तस्वीरों के इस्तेमाल पर मेरी असहमति है। असहमति व्यक्त करना मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है। बगैर मेरा पक्ष लिए या बगैर किसी पड़ताल के यह खबर पोस्ट की गई है। इस पर मैं अपनी असहमति व्यक्त करता हूँ। इस उम्मीद के साथ की खबर में शामिल किए गए गैरवाजिब तथ्यों को आप हटाएंगे।
आपसे आग्रह है कि इस पोस्ट पर संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करने का कष्ट करें।
आशीष तिवारी
स्वराज एक्सप्रेस चैनल
रायपुर
9425525128
नोट- दिल्ली जाने और वापस आने की टिकट इस मेल के साथ अटैच है, जिसका भुगतान मेरे चैनल ने किया है।

नयी दुनिया के पत्रकार मृगेंद्र पाण्डेय की पोस्ट 

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