भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर के एक स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) में ‘नमक-रोटी’ परोसे जाने का मामला उजागर करने वाले पत्रकार पवन जयसवाल के खिलाफ दायर आपराधिक आरोपों का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है.
The press council of india has taken Suo motu cognisance of criminal charges filed against journalist who exposed how salt-roti was served as midday meal in Mirzapur, Uttar Pradesh. The authority has asked the UP govt for a clarification. pic.twitter.com/iz6YFIBI3w
— FMP/ Foundation for Media Professionals (@mediatrack_in) September 4, 2019
पीसीआई के अध्यक्ष चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में मध्याह्न भोजन की रिपोर्टिंग करने को लेकर पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने किए जाने की खबरों पर चिंता प्रकट की है.
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पीसीआई ने एक बयान में कहा, “इस मामले की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया गया है.” प्रेस एसोसिएशन ने इस विषय में प्रदेश सरकार की मनमानी कार्रवाई का भी सख्त निंदा करते हुए कहा है कि वह अपनी पेशेवर जिम्मेदारी निभा रहे एक पत्रकार को इस तरह चुनिंदा तरीके से निशाना बनाये जाने पर सख्त ऐतराज जताता है.
प्रेस एसोसिएशन ने इस विषय में प्रदेश सरकार की मनमानी कार्रवाई की भी सख्त निंदा करते हुए कहा है कि अपनी जिम्मेदारी निभा रहे एक पत्रकार को इस तरह चुनिंदा तरीके से निशाना बनाना बिल्कुल गलत है.
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प्रेस एसोसिएशन कहा है कि मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में गड़बड़ी को सुधारने के बजाय मिर्जापुर जिला प्रशासन ने पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर मीडिया को खामोश करने का विकल्प चुना.
बता दें कि, सोमवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी इस घटना की निंदा की थी और इसे निर्मम तथा संदेशवाहक को ही निशाना बनाने का अनूठा मामला बताया था.
बीते 23 अगस्त को मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को नमक और रोटी बांटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.