एनडीटीवी की अंतरिम सीईओ सुपर्णा सिंह ने गुरुवार को अपना इस्तीफा दे दिया. सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा सुपर्णा की विदेशी नागरिकता पकड़े जाने के बाद उनको जबरन इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. कानून और नियमों के अनुसार टेलीविज़न और प्रिंट मीडिया में संपादक के पद सहित सभी शीर्ष पदों पर एक निवासी भारतीय नागरिक होना चाहिए. यहां तक कि अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) को भी नियुक्त नहीं किया जा सकता है.
NDTV caught breaking the law on the appointment of its Editor, forced to remove Suparna Singh @rvaidya2000 #NDTVFrauds – https://t.co/yE3AJk0Vcy
— PGurus (@pGurus1) August 24, 2019
बीते बुधवार को ही सीबीआई ने प्रत्यक्ष विदेश निवेश के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में एनडीटीवी के प्रमोटर्स प्रणय-राधिका रॉय और विक्रम चंद्रा समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
एनडीटीवी का यह भी कहना है कि कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने दिसंबर 2017 को एक प्रस्ताव में सुपर्णा सिंह को सीईओ नियुक्त किया था. इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत थी.
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एनडीटीवी ने मंत्रालय के समक्ष मंजूरी के लिए दिसंबर 2017 को आवेदन किया था, लेकिन मंत्रालय की ओर से इस बारे में अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. इसके बाद कंपनी और सुपर्णा सिंह ने एक नियुक्ति समझौता किया था, जिसके तहत सुपर्णा सिंह की सीईओ पद पर नियुक्ति इस मंजूरी पर निर्भर थी. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इसे कभी मंजूरी नहीं दी. आखिर में उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया और एनडीटीवी ने स्टॉक एक्सचेंज को उनके इस्तीफे का सही कारण बताए बिना 22 अगस्त को सूचित किया.