भारत में रह रहे विदेशी पत्रकारों को असम जाने के लिए लेनी होगी MEA की अनुमति

असम में काम कर रहे विदेशी पत्रकारों को राज्य छोड़ने की खबरों का गृह मंत्रालय ने खंडन किया है. मंत्रालय ने इसे भ्रामक और गलत बताया और कहा कि न तो गृह न ही विदेश मंत्रालय ने ऐसी कोई जानकारी दी है. गृह मंत्रालय ने कहा कि कोई भी विदेशी पत्रकार, जो पहले से ही भारत में है या बाद में आना चाहता है वह मंत्रालय की अनुमति लेने के बाद असम का दौरा कर सकता है. 

दरअसल 3 सितम्बर को ‘द असम ट्रिब्यून’ में एक खबर छपी थी. उस रिपोर्ट में कहा गया था कि “असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) की अंतिम सूची जारी होने के बाद सरकार की ओर से सभी विदेशी पत्रकारों को असम छोड़ने का आदेश हुआ है. उस रिपोर्ट के अनुसार के मुताबिक एनआरसी के प्रकाशन की पूरी प्रक्रिया के राजनीतिकरण पर सवाल उठने के बाद विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने असम को अचानक ‘संरक्षित क्षेत्र’ की श्रेणी के तहत रख दिया है. परिणामस्वरुप विदेशी पत्रकारों को राज्य छोड़ने के लिए कहा गया.” इस खबर के वायरल होने के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से इसे झूठ करार दिया गया.

गौरतलब है कि असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को जारी की गई थी. इस लिस्ट में करीब 19 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं है. हालांकि इन लोगों को अभी एक अंतिम मौका और मिलेगा. उन्हें फॉरेन ट्रिब्यूनल जाकर ये अपनी नागरिकता साबित करनी होगी.

वहीं, यूएनएचसीआर के प्रमुख फिलिपो ग्रांडी ने एनआरसी की अंतिम सूची से 1.9 मिलियन लोगों के राज्यविहीन होने के खतरे पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने जिनेवा के एक बयान में कहा कि मैं भारत से यह सुनिश्चित करने की अपील करता हूं कि इस कार्रवाई में कोई भी राज्यविहीन न हो. इसमें लोगों को सूचना, कानूनी सहायता और उचित प्रक्रिया के उच्चतम मानकों के अनुसार कानूनी पहुंच सुनिश्चित की जाए.

 

First Published on:
Exit mobile version