महाराष्ट्र सरकार ने साम्प्रदायिक और अभद्र टिप्पणी मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में रिपब्लिक टीवी संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ शिकायत की है। ये शिकायत महाराष्ट्र सरकार की ओर से अधिवक्ता सचिन पाटिल ने दाखिल की है। इसमें गोस्वामी पर जानबूझकर पुलिस की छवि खराब करने के लिए, पुलिस के ख़िलाफ़ लगातार टीवी पर अभियान चलाने और पूरी जांच की प्रक्रिया को टीवी पर तमाशा बना देने का आरोप लगाया गया है।
मामला क्या है?
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की भीड़ द्वारा पीट कर मार दिए गए थे। मामले के आरोपी कौन थे, ये साफ था और इसमें कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं था। लेकिन पत्रकार और रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी ने इस मामले में भी सांप्रदायिक एंगल ढूंढ लिया। सिर्फ इतना ही नहीं किया, टीवी स्क्रीन पर सार्वजनिक रूप से एक धर्म को उकसाने वाली टिप्पणियां की और न जाने कहां से और कैसे, इस पूरे मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बीच में घसीट लाए। उनके ऊपर भी अभद्र और सांप्रदायिक टिपण्णी की। ये टिप्पणी करने और धार्मिक उन्माद फ़ैलाने के मामले में अर्नब गोस्वामी पर देश भर में कई एफआईआर दर्ज हो गई। गिरफ्तारी से बचने के लिए अर्नब गोस्वामी सुप्रीम कोर्ट के शरण में पहुंचे। जहाँ उन्होंने एफआईआर के आधार पर कार्रवाई रोकने और इन्हें निरस्त करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 24 अप्रैल को अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ इसी संबंध में गिरफ़्तारी पर तीन हफ़्ते के लिए रोक लगा दी गयी थी। अब महाराष्ट्र सरकार ने अर्नब गोस्वामी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन किया है।
आवेदन में कही गयी मुख्य बातें-
आवेदन में बताया गया है कि अर्नब गोस्वामी अपने चैनल के कार्यक्रम में पुलिस पर बेबुनियादी आरोप लगाकर पुलिस को बदनाम कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट को ये भी बताया है कि अर्नब अपने कार्यक्रमों द्वारा पुलिस पर दबाव बना कर जाँच में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए सरकार का कहना है कि अर्नब गोस्वामी सुप्रीम कोर्ट से गिरफ़्तारी में मिले संरक्षण का गलत उपयोग कर रहे हैं।
अर्नब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस के डिप्टी कमिश्नर पर इंडिया बुल्स घोटाले में शामिल होने की बात कहते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
मुंबई पुलिस द्वारा अर्नब गोस्वामी को पूछताछ के लिए बुलाये जाने पर वो अपनी कैमरा यूनिट के साथ पहुंचे और पुलिस पर धौंस दिखाने की कोशिश की। उनके साथ मौजूद कैमरामैन और अन्य लोग भी थाने के अंदर घुस गए।
अर्नब गोस्वामी ने अपने चैनल के कार्यक्रम में मुंबई पुलिस को लेकर कार्यक्रम किया और पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
रिपब्लिक टीवी के सोशल मीडिया हैंडल से कई ट्वीट किये गए हैं जिनमें आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने अर्नब गोस्वामी से कई घंटों की अनावश्यक पूछताछ की।
अर्नब गोस्वामी अपने पद और चैनल का दुरूपयोग करके पुलिस पर गलत आरोप लगा रहे हैं। जो कि बेहद परेशान करने वाली बात है।
अर्नब गोस्वामी को यह निर्देश भी देने को कहा गया है कि वो जाँच में किसी भी तरह का दबाव न डालें या धमकी न दें। जाँच को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चलने दें।
अधिवक्ता सचिन पाटिल की तरफ़ से ये याचिका दाख़िल की गयी है।
बता दें कि अर्नब गोस्वामी पर एक और एफआईआर दर्ज हो गयी है। एफआईआर के मुताबिक अर्नब ने अपने कार्यक्रम में बांद्रा स्टेशन के पास घर जाने के लिए इकठ्ठा भीड़ को पास में ही स्थित एक मस्जिद से जोड़कर मामले को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की है।
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