जम्मू-कश्मीर : ‘मीडिया ब्लैकआउट’ पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने जारी किया बयान

अनुच्छेद 370 की धाराओं को ख़त्म कर जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्ज़ा छीन कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद केंद्र सरकार द्वारा राज्य में भरी सैन्य तैनाती और संचार के सभी माध्यमों को ठप कर स्थानीय मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के 6 दिन बाद एडिटर्स गिल्ड ने अपनी चुप्पी तोड़ी. कश्मीर में ‘मीडिया ब्लैकआउट’ पर चिंता और नाख़ुशी ज़ाहिर करते हुए गिल्ड ने स्थानीय संवाददाताओं के लिए ‘फेयर एक्स्सेस’ यानी ख़बरों तक पहुंचने के लिए उचित आवागमन की स्वतंत्रता की मांग की है.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कश्मीर में संचार-संपर्क के तमाम माध्यमों पर लगातर जारी सख़्त प्रतिबंध पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसे मीडिया की स्वतंत्र और निष्पक्ष रिपोर्टिंग को प्रभावित करने वाला कदम बताया है. मीडिया की स्वतंत्रता का गहरा संबंध वर्तमान घटनाक्रम और निष्पक्ष रिपोर्टिंग से है.

गिल्ड ने कहा कि, स्थानीय पत्रकार जब घाटी से बाहर निकलेंगे तभी सही रिपोर्ट्स सामने आयेंगे, क्योंकि स्थानीय पत्रकार सबसे पहले ज़मीनी हालात से परिचित होते हैं.

गिल्ड की तरफ से कहा गया है कि सरकार यह अच्छी तरह जानती है कि अब खबरों के लिए इंटरनेट कितना महत्वपूर्ण है. उसके बिना खबरों को प्रकाशित करना असंभव है. जम्मू-कश्मीर सहित भारत के लोगों के प्रति उसकी जवाबदेही बनती है कि वह प्रेस को मंजूरी देकर लोकतंत्र के एक अहम संस्थान को मुक्त रूप से काम करने दे.

जम्मू-कश्मीर की ताजा हालात के मद्देनजर, इस तरह के प्रतिबंधों से मुक्त आजाद मीडिया की भूमिका खबरों के प्रसार और सरकार तथा सुरक्षा के संस्थानों पर नजर रखने के अपने लोकतांत्रिक कर्तव्यों को निभाने के लिहाज से महत्वपूर्ण हो जाती है.

गिल्ड ने कश्मीर में प्रवेश, कर्फ्यू पास, स्थानीय और बाहर से रिपोर्टिंग के लिए आ रहे पत्रकारों के बीच बातचीत जैसे मुद्दों में अनुचित बर्ताव पर भी चिंता जाहिर की है. गिल्ड का कहना है कि सभी पत्रकार और सभी भारतीय नागरिक एक-समान स्वतंत्रता के हकदार हैं. गिल्ड ने सरकार से मीडिया संचार लिंक के लिए सामान्य स्थिति बहाल करने की खातिर तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया. डर नहीं, मीडिया की पारदर्शिता भारत की ताकत हमेशा रही है और रहनी चाहिए.

अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद मैदान से रिपोर्टिंग करने वाले सभी पत्रकारों की प्रशंसा करते हुए गिल्ड ने उनके प्रति एकजुटता व्यक्त की है. साथ ही गिल्ड ने सभी से खास कर सरकार से उनकी सुरक्षा और आवागमन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की मांग की है.

गौरतलब है कि, एक ओर जहां, दिल्ली स्थित टीवी समाचार चैनलों के अनुसार, कोई कर्फ्यू नहीं है. वहीं,कश्मीर में स्थानीय पत्रकारों को “कर्फ्यू पास” जारी न करने के सख्त आदेश दिए गए हैं, ताकि उन्हें इधर-उधर जाने से रोका जा सके.

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