मीडिया वॉर में अभिव्‍यक्ति शिकार: भास्‍कर ने कोर्ट से लिया कोबरापोस्‍ट के खिलाफ स्‍टे ऑर्डर

अब तक हम देखते आए हैं कि मीडिया अपनी अभिव्‍यक्ति की आज़ादी की लड़ाई समय समय पर सत्‍ताओं से लड़ता रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि खुद मीडिया के भीतर मीडिया ने ही मीडिया की अभिव्‍यक्ति का गला कानूनी तरीके से दबा दिया है। कोबरापोस्‍ट के शुक्रवार को प्रस्‍तावित प्रेस वार्ता पर दैनिक भास्‍कर ने कोर्ट से रोक लगवा दी है।

आज प्रेस क्‍लब में कोबरापोस्‍ट के मीडिया पर किए गए स्टिंग के दूसरे अध्‍याय का उद्घाटन होना था। ध्‍यान रहे, अनिरुद्ध बहल द्वारा चलाए वाले कोबरापोस्‍ट ने पिछले दिनों ”ऑपरेशन 136” के नाम से एक स्टिंग मीडिया प्रतिष्‍ठानों पर किया था कि कैसे पत्रकारिता के नाम पर  कुछ सस्‍थानों ने पैसे लेकर बीजेपी को 2019 में चुनाव जीतने में मदद करने के लिए हिंदुत्‍व केंद्रित खबरें दिखाने को मंजूरी दी थी। शुक्रवार की दोपहर इसी स्टिंग के दूसरे हिस्‍से का उद्घाटन होना था जिसमें दैनिक भास्‍कर से लेकर  इंडिया टुडे, एचटी और टाइम्‍स ऑफ इंडिया आदि के कारनामों का खुलासा होता।

एक दिन पहले ही गुरुवार को दैनिक भास्‍कर ने इस प्रसारण के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय ने यह स्टिंग सार्वजनिक करने पर स्‍टे दे दिया। साथ ही कोबरा पोस्‍ट को उस ईमेल को सार्वजनिक करने से भी रोक दिया है जो उसने भास्‍कर के अधिकारियों को 10 मई 2018 को भेजा था।

ऑपरेशन 136 के पहले अध्‍याय में अंडरकवर रिपोर्टर पुष्‍प शर्मा किसी हिंदूवादी संगठन के आचार्य का वेश धर कर मीडिया संस्‍थानों के पास जाते हैं और उनसे हिंदूवादी खबरें चलवाने की डील करते हैं। यह स्टिंग सामने आने पर मीडिया की बहुत भद्द पिटी थी। उसी समय बताया गया था कि इसका दूसरा हिस्‍सा जल्‍द ही प्रसारित किया जाएगा।

अब यह योजना अधर में लटक गई है, हालांकि कोबरापोस्‍ट ने गुरुवार रात एक बयान जारी कर के कहा कि शुक्रवार की सुबह वह रोक को कोर्ट में चुनौती देगा। कोर्ट ने एकतरफा तरीके से कोबरापोस्‍ट की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस पर रोक लगाई है जिसमें उसका पक्ष नहीं सुना गया है।

स्‍टे ऑर्डर नीचे देखा जा सकता है1

Stay Order_24.05.2018

 

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