देश के रक्षा मंत्री ने कहे हैं और ये लीड के अंश हैं- कश्मीर समस्या का समाधान कैसे होगा और क्या होगा, यह हम अच्छी तरह से जानते हैं। इस दिशा में काम हो रहा है। दुनिया की कोई भी ताकत हमें नहीं रोक सकती।
“कोई बातचीत करे या न करे, कश्मीर मसले का समाधान होकर रहेगा”।
टाइम्स ऑफ इंडिया में यह खबर अंदर होने की सूचना पहले पन्ने पर जरूर है लेकिन अंग्रेजी में जो शीर्षक है उसे हिन्दी में लिखा जाए (अनुवाद मेरा) तो कुछ इस तरह होगा, “कश्मीर मामला निपटना अवश्यंमभावी, दुनिया की कोई ताकत इसे रोक नहीं सकती है”। मुमकिन है रक्षा मंत्री ने इसे हिन्दी में कहा हो और हिन्दी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिन्दी करने में फर्क आ गया हो। इसलिए अंग्रेजी के कुछ और शीर्षक की चर्चा कर लेता हूं। हिन्दुस्तान टाइम्स में यह खबर, राष्ट्रीय खबरों के पन्ने, पेज 15 पर दो कॉलम में विज्ञापनों के ऊपर है और शीर्षक है – “कश्मीर मामले का समाधान होने वाला है : राजनाथ”। इंडियन एक्सप्रेस में यह खबर सरकार और राजनीति की खबरों के पन्ने, पेज 7 पर है। यहां इसके शीर्षक का अनुवाद होगा, “कश्मीर मसले का हल जल्दी ही होने वाला है राजनाथ”। द टेलीग्राफ में मुझे यह खबर नहीं दिखी।
दैनिक भास्कर में आज दो पहले पन्ने हैं और राजनाथ सिंह की यह खबर दोनों में नहीं है जबकि विज्ञापन भी ज्यादा नहीं है और दूसरे पहले पन्ने पर जो विज्ञापन है वह संस्थान का अपना या वेब ऐप्प का है। ऐसी खबर को दैनिक जागरण ने लीड बनाया है। शीर्षक वही है, हल होने वाला है कश्मीर का मसला। उपशीर्षक है, बड़ी बात – रक्षा मंत्री ने कहा, पाक के एजंडे वाली आजादी किसी को मंजूर नहीं होगी। दैनिक जागरण के पहले पन्ने की खासियत इस खबर को लीड बनाना ही नहीं है। आज अखबार में लीड के साथ दो कॉलम की खबर फोटो के साथ छपी है, खत्म हुआ सोनभद्र का सियासी ड्रामा। कल गिरफ्तारी औऱ धरने की खबर सिर्फ दैनिक जागरण में पहले पन्ने पर (सूचना के अलावा) नहीं थी।
दैनिक जागरण में आज पहले पन्ने पर दूसरे अखबारों के पहले पन्ने की जो खबरें नहीं है उनमें प्रमुख हैं, 1) राज्यपालों का तबादला, 2) पुणे में कार दुर्घटना में नौ लड़कों की मौत, 3) दिल्ली में अपराध और दुर्घटना की दो अलग खबरों में से कोई नहीं 4) स्कूल से साइकिल चलाकर लौटता बच्चा गाजियाबाद के खुले नाले में गिरकर मरा (टाइम्स ऑफ इंडिया) 5) बारिश से राहत और आफत तथा 6) देश की सुरक्षा और जनहित से ऊपर नहीं है निजी स्वतंत्रता : सुप्रीम कोर्ट। कहने की जरूरत नहीं है कि इनमें कोई भी एक्सक्लूसिव खबर नहीं है और सब आम खबरें हैं जो पहले पन्ने पर हैं और हो सकती थीं। मेरा मकसद आपको अखबार की प्राथमिकताओं को समझने में सहायता करना है। दूसरे अखबारों में कई एक्सक्लूसिव खबरें हैं पर जागरण में राजनाथ सिंह वाली खबर ही एक्सक्लूसिव है।
आइए, बताऊं खबर क्या है। इस खबर का इंट्रो है, “कोई बातचीत करे या न करे, कश्मीर मसले का समाधान होकर रहेगा”। सांबा डेटलाइन की इस खबर पर नवीन नवाज की बाईलाइन है। खबर इस प्रकार है, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को साफ शब्दों में कहा कि कश्मीर मसला सुलझने वाला है। उन्होंने हुर्रियत और पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कोई बातचीत करे या न करे, कश्मीर मसले का समाधान होगा। यह कैसे होगा और क्या होगा, हम अच्छी तरह से जानते हैं। इस दिशा में काम हो रहा है। दुनिया की कोई भी ताकत हमें नहीं रोक सकती। मैं आज यहां ऐसे ही नहीं बोल रहा हूं। बहुत सोच समझ कर बोल रहा हूं, लेकिन बस आप लोगों का सहयोग चाहिए। राजनाथ जम्मू संभाग के सांबा जिले में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के जीरो प्वाइंट से मात्र डेढ़ किलोमीटर पहले बसंतर दरिया पर बने बसंतर पुल और कठुआ के पंडोरी स्थित उज्ज दरिया पर बने पुल को जनता को समर्पित करने के बाद बोल रहे थे।
“कश्मीर समस्या का समाधान कैसे होगा और क्या होगा, यह हम अच्छी तरह से जानते हैं। इस दिशा में काम हो रहा है। दुनिया की कोई भी ताकत हमें नहीं रोक सकती।“ इसमें कोई नई घोषणा या जानकारी नहीं है। केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि, “यहां जो आजादी की रट लगाते हैं, उन्हें खुद पता नहीं है कि उन्हें कैसे आजादी चाहिए। क्या वह पाकिस्तान के एजेंडे वाली आजादी चाहते हैं। जो लोग चाहते हैं कि मसला हल हो, मैं उनसे कहूंगा कि वह एक बार मामले को अच्छी तरह समझें ताकि इसका निदान हो सके। लेकिन जो नारा वह दे रहे हैं। अगर वह पाकिस्तान के एजेंडे वाली आजादी की बात करते हैं तो यह आजादी किसी को कुबूल नहीं होगी।”
फिर हल कैसे निकलेगा। यह खबर में नहीं है। यही नहीं, उन्होंने यह भी दावा किया है कि, हमने दी थी बातचीत की दावत पर सभी ने अनसुना कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि जब मैं गृह मंत्री था तो मैंने कश्मीर मसले पर सभी संबंधित पक्षों से बातचीत की प्रक्रिया बहाल करने का पूरा प्रयास किया। मैंने सभी को दावत दी। मैंने स्थानीय दलों और नेताओं से भी कहा कि वह इसमें सहयोग करें। राष्ट्रीय नेताओं से भी कहा कि वह भी कश्मीर में अपने संपर्क और प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमारे तीन वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री भी कश्मीर में समस्या के समाधान के लिए वहां के नेताओं से बातचीत करने के लिए गए थे, लेकिन हमारी बात को अनसुना कर दिया गया।
इसके बावजूद राजनाथ सिंह ने कहा है कि जम्मू कश्मीर को जन्नत बनाएंगे और दैनिक जागरण ने अपनी लीड खबर में लिखा है, रक्षा मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर पूरे देश के लिए विशेष है। जम्मू कश्मीर को हम देश का एक ऐसा राज्य बनाना चाहते हैं, ऐसी जन्नत बनाना चाहते हैं, जहां दुनियाभर के पर्यटक आएं। यहां सुख-समृद्धि-शांति और विश्वास का माहौल हो, यही हमारा मकसद है।
कश्मीर के युवा केवल राज्य ही नहीं, पूरे भारत का भविष्य : राजनाथ सिंह ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर को एक विकसित राज्य बनाना चाहते हैं। मैं यहां के युवाओं को सिर्फ राज्य का नहीं, पूरे भारत का भविष्य मानता हूं। यह युवक एक सशक्त और स्वालंबी भारत के निर्माण में पूरा सहयोग करते हुए देश और अपना भविष्य सुखद बनाएं। लेकिन यहां कुछ तत्व हैं जो नहीं चाहते कि यहां का नौजवान राष्ट्र निर्माण में हिस्सा बनें। रक्षा मंत्री ने देश में जारी सामाजिक-आर्थिक विकास की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जब तक जनता के पास बुनियादी सुविधाएं नहीं होंगी, हम आगे नहीं बढ़ सकते। अगर हमें 2030 तक दुनिया की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना है तो हमें बुनियादी ढांचे में तेजी से विकास करना होगा।
सेना के प्रयास को भी सराहा : राजनाथ ने कहा कि कश्मीर को आतंकियों ने नर्क बना दिया है, लेकिन हमारी सेना ने इन कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ड्यूटी को अंजाम देकर कश्मीर के हालात को सामान्य बनाने में पूरा प्रयास किया है। इससे कश्मीर को फिर से जन्नत बनाने के प्रयास सफल होंगे। कठुआ के पंडोरी गांव में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 50 करोड़ की लागत से बने पुल का उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सहित सेना और प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे।