आज हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ कुछेक उपचुनाव के लिए मतदान हैं और आज ज्यादातर अखबारों में पाकिस्तान पर भारतीय हमले की खबर है। अलग-अलग शीर्षक से प्रकाशित इन खबरों का मूल भाव यही है कि भारत ने पाकिस्तान पर जवाबी हमला किया है। मुझे नहीं पता कि ऐन मतदान के दिन ऐसी खबर अगर है तो यह सामान्य है या ‘बनाई गई’ है पर इसमें जो बातें साफ हैं वह यह कि हमला जवाबी है यानी भारत ने अपनी तरफ से हमला नहीं किया है। इसके दो मतलब हैं – यह भारत का बड़प्पन है कि वह चुनावी माहौल में लाभ के लिए पाकिस्तान पर हमला नहीं करता है। इसे चुनाव से जोड़कर भी नहीं देखा जाए और यह भी कि पाकिस्तान मूर्ख है, वह ऐसे दिन हमला करता है कि जवाबी कार्रवाई की खबर उसी दिन छपे जिस दिन मतदान है। इसे आप पाकिस्तान और भारत या भाजपा की मिलीभगत भी मान सकते हैं। आपको जो मतलब ठीक लगे – पर कोई ना कोई मतलब तो जरूर है। वरना यह इतनी बड़ी खबर नहीं है कि सभी अखबार एक ही तरह से छापें।
इससे पहले कि मैं आज के अखबारों में क्या कैसे छपा है और उससे क्या पता चलता है, मैं टेलीग्राफ की एक खबर की चर्चा कर लूं। इसके मुताबिक यह कोई चौंकाने वाला संयोग नहीं है कि जब नागरिक परेशान होते हैं तो सीमा पर तनाव बढ़ जाता है। इसके साथ अखबार ने पीएमसी बैंक के कुछेक खाता धारकों की तस्वीर के साथ उनकी समस्याएं बताई हैं और लिखा है कि कैसे बैंक में जमा अपना ही पैसा नहीं मिलने से लोग परेशान हैं। अखबार की लीड, अन्य सभी अखबारों से अलग है। पूरे मामले को समझने के लिए दैनिक भास्कर के कई शीर्षकों और खबर में से कुछ का उल्लेख करना ठीक रहेगा।
आइए अब अन्य अखबारों के शीर्षक देख लें। पहले अंग्रेजी अखबार – द टेलीग्राफ की खबरों का जिक्र हो चुका है। हिन्दुस्तान टाइम्स में नई दिल्ली / श्रीनगर डेटलाइन से यह संवाददाता की खबर है जिसका शीर्षक है, तोपों ने सीमा पार के चार आतंकी शिविरों को निशाना बनाया (चार कॉलम, दो लाइन में)। उप शीर्षक है, बदले की कार्रवाई – युद्ध विराम के उल्लंघन के बाद 6-10 पाकिस्तानी सैनिक और दर्जन भर आतंकवादी मारे गए। इंडियन एक्सप्रेस में भी यह खबर नई दिल्ली / श्रीनगर डेटलाइन से है पर तीन जनों की बाईलाइन है। फ्लैग शीर्षक है, नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी। मुख्य शीर्षक यहां भी हिन्दुस्तान टाइम्स जैसा ही है लेकिन सेना प्रमुख के हवाले से है। 6-10 पाक सैनिक मारे गए आतंकी संरचना को गंभीर नुकसान : सेना प्रमुख। उपशीर्षक है, भारत ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा युद्ध विराम के उल्लंघन पर जवाबी कार्रवाई की गई।
नवोदय टाइम्स का मुख्य शीर्षक है, पाक पर बड़ा जवाबी हमला। चार आतंकी कैम्प ध्वस्त, 6 पाक सैनिक मारे गए और 20 से ज्यादा ढेर। अखबार ने लिखा है कि मारे गए दो भारतीय जवानों की तस्वीर और नाम छापे हैं साथ में 20 से ज्यादा ढेर लिखकर एक के बदले 10 के दावे को पूरा कर दिया है लेकिन 6-10 की जगह छह ही लिखा है (विज्ञप्ति, सूचना या ब्रीफिंग तो एक ही होगी)। अखबार ने पाकिस्तान के पांच नागरिक मारे जाने के उसके दावे या स्वीकारोक्ति को भी प्रमुखता से छापा है। यह पाकिस्तानी सेना के प्रवाक्ता के ट्वीट के हवाले से अलग खबर है। 20 से ज्यादा आतंकी मारने का दावा भारत का है।
दैनिक हिन्दुस्तान ने नई दिल्ली डेटलाइन से विशेष संवाददाता की खबर छापी है। करारा जवाब के तहत दो बिन्दु हैं – दो जवानों की शहादत के बाद सेना ने गोले दागे और दूसरा, आतंकी घुसपैठ के लिए पाक ने की थी फायरिंग। हिन्दुस्तान ने भी से 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे जाने और 20 से ज्यादा आतंकी ढेर किए जाने की सूचना दी है। मुख्य शीर्षक है, पीओके में चार आतंकी कैंप तबाह। अखबार ने लिखा है, आतंकी घुसपैठ के लिए पाकिस्तानी सेना ने रविवार तड़के भीषण गोलीबारी की, जिसमें दो भारतीय जवान शहीद हो गए। जवाब में भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में बड़ी कार्रवाई करते हुए चार आतंकी शिविर ध्वस्त कर दिए। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बताया कि इस कार्रवाई में छह से 10 पाकिस्तानी सैनिक और बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए हैं। ठीक है कि अखबारों में सेना द्वारा मुहैया कराई गई तस्वीरें भी हैं पर यह संयोग साधारण नहीं है कि पाकिस्तान ने रविवार लड़के हमला किया और भारत ने जवाबी कार्रवाई कर विस्तार से विज्ञप्ति जारी क दी जो मतदान वाले दिन खबर के रूप में देश भर के ज्यादातर अखबारों में प्रमुखता से छप गई।
नवभारत टाइम्स में इस खबर का शीर्षक है, सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में भारत का सबसे बड़ा प्रहार। इतनी बड़ी खबर अखबार ने विस यानी विशेष संवाददाता की छापी है और लगभग वही सूचनाएं हैं जो विज्ञप्ति में दी गई लग रही हैं। अमर उजाला में यह खबर ब्यूरो / एजेंसी की है। अखबार ने तीन आतंकी कैम्प ही तबाह होने की खबर दी है। बाकी सब खबर, सूचनाएं, तस्वीरें मिलती-जुलती हैं। पाकिस्तान ने पहली बार कुबूल की नुकसान की बात – यह अलग खबर है जो पाकिस्तानी सेना प्रवक्ता के ट्वीट से बनाई गई है। जागरण में आठ कॉलम की खबर है और शहादत का बदला, गुलाम कश्मीर, दहशतगर्दों जैसे कुछ अलग शब्द हैं। सेना प्रमुख विपिन रावत की तस्वीर के साथ उनका दावा भी प्रमुखता से है, हमने उन जगहों को निशाना बनाया है जहां से घुसपैठ होती है। निश्चितरूप से यह काम पहले भी किया जा सकता थाऔर पहले ही किया जाना चाहिए था। कल करने का मतलब अपनी जगह बना रहेगा।
विज्ञापन नहीं तो खबर। हालांकि, चंडीगढ़ के इंडियन एक्सप्रेस में पहले पन्ने पर कांग्रेस का विज्ञापन है। हरियाणा चुनाव के लिए दिल्ली के अखबारों में पहले पन्ने का विज्ञापन नहीं दिखा। हरियाणा में भाजपा का विज्ञापन (पहले पन्ने पर) सभी संस्करणों में एक जैसा नहीं है। और दिलचस्प यह है कि पूरे राज्य के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ वाला विज्ञापन आधे पन्ने का है जबकि उम्मीदवार का अपना विज्ञापन पूरे पन्ने का है। भास्कर के भिन्न संस्करण में भिन्न पार्टी और उम्मीदवारों के अलग विज्ञापन छपे हैं। और खबर तो सिर्फ टेलीग्राफ में है।