हार की नैतिक जिम्मेदारी से राहुल को बचाने के लिए प्रदेश प्रमुखों के इस्तीफे का सिलसिला शुरू

17वीं लोकसभा चुनाव में दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश,कर्णाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में अपमानजनक पराजय के बाद कांग्रेस के जिला प्रदेश प्रमुखों के इस्तीफ़े का सिलसिला शुरू  हो गया है .

खुद कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गाँधी अपने गढ़ अमेठी में बीजेपी की स्मृति ईरानी से भारी अंतर से चुनाव हार गये हैं. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर सहित ज्यादातर उम्मीदवार भी चुनाव हार गये हैं. 

ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर इस हार की जिम्मेदारी लेने और इस्तीफा देने का नैतिक दवाब भी बढ़ गया है. हालांकि उनके प्रशंसक और वफ़ादार अब भी उनका बचाव करते हुए हार की जिम्मेदारी खुद पर ले रहे हैं.

इस कड़ी में सबसे पहले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने लेते हुए अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है.राजबब्बर फतेहपुर सीकरी लोकसभा से खुद उम्मीदवार थे, उन्हें भाजपा के उम्मीदवार रामकुमार चाहर से करीब पांच लाख वोटों से करारी शिकस्त मिली है.

शुक्रवार को कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी. इसके लिए वह खुद को जिम्मेदार मानते हुए अपना ​इस्तीफा हाईकमान को भेजा है. आगे का निर्णय कांग्रेस हाईकमान लेगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए परिणाम निराशाजनक है. मैं अपनी जिम्मेदारी को सफल तरीके से नहीं निभा पाने के लिए खुद को दोषी पाता हूं. नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखूंगा.
सूत्रों से पता चला है कि इस अपमानजनक हार के बाद प्रदेश की कमेटी को भंग कर नई कमिटी बनाई जाएगी.

वहीं, अमेठी में कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्र ने भी हाईकमान को इस्तीफा दे दिया है.

उधर कर्णाटक प्रचार प्रमुख ने एच के पाटिल ने भी राज्य में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गाँधी को अपना इस्तीफ़ा भेज दिया है.

 

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