लखीमपुर हिंसा: फॉरेंसिक लैब ने बताया कि आशीष मिश्रा और उसके दोस्त के हथियार से हुई थी फायरिंग!

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लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को चार किसानों समेत आठ लोगों को थार कार से कुचले जाने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हुई है कि दंगे के दौरान हुई फायरिंग केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के लाइसेंसी हथियार से हुई थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंसा के दौरान आशीष मिश्रा की रिवॉल्वर और उसके दोस्त अंकित दास की रिपीटर गन और पिस्टल से फायरिंग हुई थी। फिलहाल दोनों आरोपी लखीमपुर खीरी जिला जेल में बंद हैं।

SC ने कहा था यूपी सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग पर भरोसा नहींं..

बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने काफी सख्त रुख अख्तियार किया था, कोर्ट के सख्त सवालों के बाद ही आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि “एक विशेष आरोपी” की रक्षा के लिए सबूत एकत्र किए जा रहे हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भी मामले की सुनवाई करते हुए कड़ी टिप्पणी की थी।

कोर्ट ने कहा कि उसे लखीमपुर खीरी हिंसा में विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच की निगरानी के लिए यूपी सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग पर भरोसा नहीं है। अदालत ने एसआईटी जांच की स्थिति रिपोर्ट पर भी गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। अदालत ने कहा, जांच में स्वतंत्रता और निष्पक्षता के लिए दूसरे राज्य के उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा निगरानी की जानी चाहिए। मामले कि अगली सुनवाई 12 नवंबर को होनी है, जिससे पहले यह खुलासा हुआ है।

सामने आ रहे साक्ष्यों के आधार पर होगी आगे की जांच..

लखीमपुर हिंसा के मामले में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और उसके दोस्त अंकित दास के हथियारों से अब फायरिंग की पुष्टि हो गई है। बता दें कि अब तक अजय मिश्रा और बेटा आशीष मिश्रा दोनों ही इस हिंसा के वक्त मौजूदगी से इंकार कर रहे थे। लेकिन लैब की रिपोर्ट में उनके हथियारों से गोली चलने कि पुष्टि उनकी मौजूदगी की गवाही दे रही है। हालांकि आरोपी गिरफतार है, लेकिन किसान मंत्री आशीष मिश्रा की बर्खास्तगी पर अड़े हुए हैं।

उनका कहना है कि मंत्री के पद पर रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नही ही सकती। वहीं, मामले को एक महीने से ज़्यादा का वक्त हो गया है लेकिन अभी तक मंत्री के इस्तीफे की कोई खबर नहीं आई है। मामले को लेकर ASP अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मामले से जुड़े साक्ष्यों की जांच के लिए भेजे गए साक्ष्यों के आधार पर आगे की जांच की जाएगी। की रिपोर्ट आनी शुरू हो गई है। जिसके आधार पर आगे की जांच की जाएगी।


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