शिवराज चौहान ने 300 पत्रकारों को ‘तोहफ़े’ में दी 60 रुपये/ वर्गफ़ुट ज़मीन ! लिस्ट देखिये !



 

    ”जब पी.आर किया तो डरना क्या”

 

मध्यप्रदेश के तमाम पत्ररकारों का अब यही नारा है। यही वजह है कि 40 क़त्ल वाले व्यापम यज्ञ के बावजूद मीडिया में कभी  मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के ख़िलाफ़ वैसी निशानेबाज़ी नहीं दिखती जैसे कि दिल्ली के छोटे से छोटे मामले में दिखती है। कारावाँ पत्रिका के ताज़ा अंक में एक दिलचस्प स्टोरी छपी है जो बताती है कि शिवराज चौहान पत्रकारों को साधने में किस कदर उस्ताद हैं। उनकी सरकार ने 300 से ज़्यादा पत्रकारों के दो आवासीय समितियों को 60 रुपये वर्गफुट कीमत पर रिहायशी ज़मीन दे दी। तर्क यह बना कि ऐसा ही उदारता जजों की समति पर दिखाई गई थी…! पढ़िये यह रिपोर्ट– 

 

”कारवाँ” के जून अंक में आने वाली कवर स्टोरी के लिए हम मध्यप्रदेश में रिपोर्टिंग कर रहे थे। तब राजस्व विभाग के एक पूर्व अधिकारी ने हमसे कहा, ‘इस सूबे में पत्रकार सबसे दुलरुआ हैं।’

karvan letterहमारी कवर स्टोरी सेवानिवृत्त और कार्यरत जजों की एक रिहाइशी सहकारी समिति पर थी। हम पड़ताल कर रहे थे कि कैसे मध्यप्रदेश सरकार ने 2007 में भोपाल की एक प्राइम लोकेशन की ज़मीन इस समिति को लीज़ पर बेहद सस्ती दरों पर आवंटित कर दी थी। इतनी सस्ती कि लगभग ये मुफ़्त थी। इस समिति के सदस्यों में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज चंद्रेश भूषण भी शामिल थे जिन्हें बाद में व्यापम घोटाले की जांच के लिए गठित SIT का मुखिया बनाया गया। इस समिति के लिए ज़मीन की दर 60 रुपए प्रति स्क्वायर फुट या 6 सौ रुपए प्रति स्क्वायर मीटर रखी गई जिसे सीएम शिवराज सिंह की अगुवाई वाली कैबिनेट से मंज़ूरी दे दी गई थी।

उसी दौरान दो और समितियों को कम दाम पर ज़मीनें लीज़ पर दी गईं थीं। दोनों समितियां पत्रकारों ने बनाई थीं। जजों की समिति के लिए आवंटित ज़मीन की लीज़ को राज्य की कैबिनेट ने 2008 में पास कर दिया था। वहीं राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति को 11.6 एकड़ ज़मीन भोपाल एयरपोर्ट के पास दी गई और अभिव्यक्ति गृह निर्माण सहकारी समिति को बावड़िया कलां एरिया में 6.3 एकड़ ज़मीन दी गई। (राजस्व विभाग के मुताबिक उस समय बावड़िया कलां में रिहाइशी कॉलोनी के लिए ज़मीन की तय कीमत 3 हज़ार रुपए प्रति स्क्वायर मीटर थी।)

इन दोनों मामलों में प्रशासनिक प्रक्रिया उसी तरह ताक पर रखी गई जैसे जजों की समिति के मामले में किया गया था। फरवरी 2009 में अभिव्यक्ति सोसायटी के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने राजस्व विभाग को चिट्ठी लिखकर जजों की समिति का हवाला देकर याद भी दिलाया कि उनकी समिति के साथ भी वैसा ही व्यव्हार किया जाए।

पत्रकारों की इन दोनों समितियों में लगभग 300 नाम शामिल हैं। अभिव्यक्ति समिति की मार्च 2012 की लिस्ट के मुताबिक तब इसमें 99 सदस्य थे जबकि सितंबर 2013 की लिस्ट के मुताबिक राजधानी पत्रकार समिति में 208 सदस्य थे। दो पत्रकार ऐसे भी थे जिनके नाम इन दोनों समितियों में थे। इन दोनों लिस्ट में शामिल पत्रकार राष्ट्रीय मीडिया में काम करने वाले या उन संस्थानों में कंट्रीब्यूट करने वाले हैं। इनमें द टेलिग्राफ के रशीद किदवई, टाइम्स नाऊ के हेमेंद्र शर्मा, ज़ी टीवी के आशुतोष गुप्ता, इंडियन एक्सप्रेस के मिलिंद घटवाई, पहले एनडीटीवी और अब डेलियो में कुमार शक्ति शेखर, मृगेंद्र सिंह भोपाल दैनिक जागरण के संपादक, पंजाब केसरी से जुड़े रहे मनीष शर्मा, न्यू़ज़ 24 के प्रवीण दुबे, इंडो एशियन न्यूज़ सर्विस के संदीप पुराणिक, एबीपी न्यूज़ के बृजेश राजपूत, द वीक के दीपक तिवारी, आउटलुक और अग्निबाण में रह चुके राजेश सिरोठिया, आईबीएन-7 के मनोज कुमार शर्मा और इंडिया न्यूज़ की दिप्ती चौरसिया शामिल हैं। दो पत्रकार जिनके नाम दोनों समितियों में मिले, वो स्वदेश अख़बार के मालिक और संपादक राजेंद्र शर्मा और इंडिया टुडे के शुरैह नियाज़ी हैं।

अभिव्यक्ति सोसायटी में दैनिक जागरण समूह के परिवार के राजीव मोहन गुप्ता भी शामिल हैं। गुप्ता भोपाल के सबसे पॉश इलाक़ो में से एक 74 बंग्ला में रहते हैं। इनका परिवार भोपाल में एक एस्टेट का मालिक है जहां 2010 में बॉलिवुड की फिल्म राजनीति की शूटिंग का सेट सजाया गया था।

स्टोरी में पक्ष शामिल करने के लिए हमने लिस्ट में शामिल सभी पत्रकारों से संपर्क किया। इंडिया टुडे के शुरैह नियाज़ी ने कहा कि वो पहले दोनों समितियों के सदस्य थे लेकिन दावा किया कि अब एक में भी नहीं हैं। स्वदेश अख़बार के मालिक राजेंद्र शर्मा ने सीधे खारिज कर दिया कि वह किसी समिति के सदस्य हैं। उन्होंने दावा किया कि अगर ऐसे किसी भी दस्तावेज़ में उनका नाम है, तो वह फर्ज़ी है। रशीद क़िदवई ने कहा कि वो समिति के सदस्य तब थे जब उनके पास कोई प्रॉपर्टी नहीं थी लेकिन घर ख़रीदने के बाद वो अपनी सदस्यता रद्द करने के बारे में सोच रहे हैं। मिलिंद घिटवाई ने कहा कि वो बेशक़ सदस्य हैं लेकिन ज़मीन नहीं लेंगे। आशुतोष गुप्ता ने फोन काटने से पहले सिर्फ इतना कहा कि ‘आपके पास गलत जानकारी है।’ इनके अलावा सभी ने माना कि वो समितियों के सदस्य हैं।

हम अभिव्यक्ति समिति के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता से मिलने उनके ऑफिस पत्रकार कॉलोनी गए। गुप्ता नाटे क़द के हैं। उनके सिर पर बाल नहीं है, चश्मा लगाते हैं और तोंद निकली हुई है। वो एक मंथली मैग्ज़ीन पॉवर गैलरी निकालते हैं। मैग्ज़ीन खंगालने पर हमें उनके अलावा किसी दूसरे पत्रकार की बायलाइन नहीं मिलती। आधे घंटे की बातचीत के दौरान हमने उनसे पत्रकारिय एथिक्स से जुड़े सवाल किए। उनके पूछा गया कि क्या इससे हितों का टकराव नहीं हो रहा? मगर जवाब की बजाय उन्होंने एक बार तो लगभग अपना आपा ही खो दिया। उनके ज़्यादातर जवाब ऑफ द रिकॉर्ड थे।

राजधानी समिति के अध्यक्ष नई दुनिया अख़बार के विशेष संवाददाता केडी शर्मा हैं। उन्होंने हमें अपने घर तुलसी नगर बुलाया। पहुंचते ही हमारा अभिवादन किया गया। उन्होंने एक टी-शर्ट पहन रखी थी जिसपर लिखा था ‘PR किया तो डरना क्या?’

शर्मा ने इस मुद्दे पर लंबी बात की लेकिन किसी तरह की रियायत दिए जाने का आरोप ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘सोसायटी बनाने का विचार 2007 में तब आया जब सरकारी आवासों में रह रहे ग़ैर-सरकारी लोगों से उसे खाली करने के लिए कहा गया। तब कई सारे पत्रकार भी इन सरकारी आवासों में रह रहे थे। मध्यप्रदेश प्रदेश देश के उन राज्यों में से है जहां सभी पत्रकारों का ख्याल रखा जाता है। यह एक परंपरा है जिसे 1980 से 1985 तक और 1988, 1989 में राज्य के सीएम रहे अर्जुन सिंह ने शुरू की थी। 2007 में कुछ पत्रकार सीएम शिवराज सिंह से मिले थे। मुलाक़ात की टाइमिंग अच्छी थी। अगले साल चुनाव होने वाले थे और सरकार ख़ुश थी, इसलिए उसने प्रेस पर कृपा कर दी।’

हमने शर्मा से भी पत्रकारिता के एथिक्स से जुड़े वही सवाल किए जो गुप्ता से किए थे। जवाब में उन्होंने कहा, मुमकिन है कि हितों का टकराव होता हो बशर्ते अगर इस पहलू पर ग़ौर किया जाए तो। इसके बाद उन्होंने कहा कि लेकिन राज्य में इसकी परंपरा है। उन्होंने जो़र देते हुए कहा, ‘परंपरा है।’

 

दोनों समितियों में शामिल पत्रकारों के नाम——-

 

अभिव्यक्ति गृह निर्माण सहकारी समिति (मार्च 2012)

 

Lalit Shastri

Rajesh Chaturvedi

Umesh Trivedi

Abhilash Khandekar

Arun Patel

Rishi Pandey

Raghvendra Singh

Amita Kumar

Arun Dixit

Deshdeep Saxena

Rajesh Sirothiya

Renu Pathak

Rajendra Dhanotiya

Prakash Pillai

Dinesh Gupta

KS Sawhney

Brijesh Rajput

Rashid Kidwai

Ranjan Srivastav

Anil Dube

Sunil Shukla

Deepak Tiwari

Sureh Niyaji

Prakash Tiwari

Rakesh Agnihotri

Bhagwan Upadhyay

Vedvrat Giri

Rajesh Dube

Prakash Bhatnagar

Manoj Kumar Sharma

Anurag Upadhyay

Shivanurag Pateria

Rajesh Pandey

SP Tripathi

“Sanjeev Sreevastava

Vikas Tiwari

Satish Eliya

Ashish Dube

Girish Sharma

Rajendra Sharma

Dipesh Avasthi

Dinesh Nigam Tyangi

Nirmal Singh Bas

Kumar Shakti Shekhar

Prabhu Mishra

Mrigendra Singh

Rajkumar Keshwani

“Shamsur Rahman

Sunil Gupta

Anil Sharma

Dhananjaypratap Singh

Ravinder Kelasiya

Sudhir Nigam

Aadesh Pratap Bhadauriya

Narpat Singh Bhadauriya

Ramkrishna Yaduvanshi

Dharmendra Pegwar

Chandrabhan Saxena

Santosh Chaudhury

Brijesh Choukse

Umesh Nigam

Shashi Shekhar

Ravi Khare

Jagdish Dwivedi

Ragini Trivedi

Prabhu Pateria

Anoop Dutta

Manish Dixit

Rakesh Dixit

Ajay Bokil

Sanjay Kaushik

Dipiti Chaurasiya

Ambrish Mishra

Rani Sharma

Vinita Srivastav

Ajit Singh

Nitin Tripathi

Muktesh Rawat

Sunil Sharma

Hemendra Sharma

Avadhesh Bajaj

Sanjeev Jain

Bhupendra Nigam

Praveen Sharma

Rajiv Soni

Faisal Mohammad Ali

Jaydeep Singh

Ajay Tripathi

Sikandar Ahmed

Milind Ghitvai

Manoj Purohit

Yogesh Saxena

Nasser Kamal

Shiv Kumar Sharma

Rajesh Upadhyay

Amit Kumar Jain

Mukta Pathak

Sushil Nahar

Shravan Garg

 

राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति (सिबंतर 2013)

 

Suchandna Gupta

Vijay Das

Vishwas Tiwari

Surendra Tiwari

Astha Ahuja (Gulati)

Apoorv Tiwari

Rajendra Tiwari

Anil Khanna

Kailash Gaud

Praveen Kumar Tiwari

Semuvel Mathai

Neeraj Kushwaha

Rajeev Nema

Ritesh Kondle

Archana Gupta

Sanjeev Gautam

Arti Sharma

Anad Prakash Shukla

Govind Shankar Shrivastava

Ramesh Sharma

Rajkumar Kala

Virendra Sinha

Omprakash Mehta

Aatmdeep

Jamaluddin Ahmed

Premnarayan Premi

Pankaj Pathak

Alok Kumar Rai

Prem Pagare

Sunil Gautam

Majid Hussain

Pushpendra Shastri

Shweta Pandya (Sinha)

Bharat Shastri

Krishnkant Agnihotri

Prawal Saxena

Sanjeev Shrivastava

Anurag Shukala

Gopikrishn Balwani

Sudheer Saxena

Akhilesh Awasthi

Chandrahas Shukla

Chandulal Jain

Sunil Kumar Tiwari

Dinesh Sharma

Uma Bhargav

Shakeel Khan

Devdutt Dubey

KD Sharma

Aparna Rai

Rohit Mehta

Sameer Verma

Sanjay Bhargav

Shanta Pathak

Shriprakash Dixit

Manoj Kumar Mishra

Shariq Noor

Sudha Bhardwaj

Shankarlal Sabu

Anjani Kumar Jha

Shefali

Nukhil Suryavanshi

Tripti Verma

Rajendra Shrivastav

Anil Bihari Shrivastava

Ravi Sawla

Deepak Dwivedi

Shashin Rai

Harsha Makode

Ashok Manvani

Ravi Upadhyaya

Yogendra Kumar Shukla

Varun Kumar Dixit

Hamid Hussain

Mahesh Prasad Dubey

Shobha Sakalle

RC Sahu

Sudhir K Singh

Arun Tiwari

Somdutt Shastri

Pawan Preet Singh Saluja

Ravindra Jain

Sandeep Pouranik

Amrish Hardeniya

Salil Mekad

Vinod Khujneri

Dileep Sharma

Sumit Sharma

Ashish Parashar

Kailash Narayan Sharma

Vinod Tiwari

Shamshul Hassan Arif

Manish Gautam

Atul Purohit

Dinesh Nigam

Karishma Sharma

Sunil Singh

Ramesh Agarwal

Ravi Awasthi

Manishkant Jain

Vijaya Pathak

Nilofar Naz

Ashok Gautam

Ajay Muley

Muslim Salim

Amitabh Pandey

Naveen Joshi

Sanjay Prakash Sharma

Subodh Agnihotri

Sanjay Chaturvedi

Indrajeet Maurya

Mahesh Kumar Sahu

Rakesh Singhai

Mahendra Sharma

Anajana Anil Sadhak

Ashish Kurl

Dilip Malwiya

Ajay Gyanchandani

Rayisa Malik

Yashpal Sharma

Rajkumari Chotrani

Jagdish Gyanchandani

Ravi Dubey

Shridharan Pillai

Dharmendra Singh Thakur

Atul Kumar Pathak

Ashutosh Gupta

Purnendu Shukla

Dinesh Chandra Joshi

Nasreen Hussain

Shahid Hussain

Hitesh Thakkar

Harimohan Modi

Arvind Shile

Kamar Ashfaq

Ashish Sharma

Chandrashekhar Bargal

Tribhuvan Sharma

Koushal Verma

Ganesh Pandey

Shravan Verma

Vikas Sharma

Lilesh Satankar

Manish Sharma

Sarman Nagele

Adheer Saxena

Shishir Upadhyaya

Sitaram Thakur

Bharat Patel

Santosh Sharma

Keshavraj Pandey

Yogesh Joshi

Neelam Kumar Tiwari

Santosh Kumar Singh

Sandeep Khare

Virendra Kumar Vishvakarma

Heeranand Lalwani

Rajesh Bhatiya

Deepa Gyanchandani

Vishvakarma Das

Praveen Dubey

RMP Singh

Mukesh Lalwani

Anupam Shukla

Ajay Verma

Sharad Kumar Deshmukh

Radhavallabh Sharda

Ayush Jain

Heera Lal Vyas

Rajendra Sharma

LN Sheetal

Manish Shrivastava

Sanat Kumar Jain

Shureh Niyaji

Saurabh Jain

Vendict David

Jakir Ali

Rajesh Vishwakarma

Pradeep Gupta Palli

Sunil Tiwari

Sandeep Bhammarkar

Akshat Sharma

Rambhuvan Singh Kushwaha

Suresh Sharma

Suryakant Chaturvedi

Brajesh Dwivedi

Brij Kishore Sharma

Anil Singh Kushwaha

Aasim Ali

Rajendra Prashar

Krishnakumar Jha

Anirudh Tiwari

Ashutosh Verma

Suneet Saxena

Vijay Singh

Dinesh Sharma

Rahul Singh

Manoj Seni

Chandrakant Daud

Astha Lanjewar

Sumeet Maheshwari

Purshotam Sodani

Ravindra Soni

Rupesh Gupta

Rajesh Kumar Singh

Pradeep Manekar

Chandra Prakash Shivhare

Rajeev Mohan Gupta

 

(कारवाँ पत्रिका की यह स्टोरी उनके संवाददाता अतुल दवे और कोबरा पोस्ट पोर्टल के पत्रकार मुहम्मद हिज़बुल्लाह ने साथ मिलकर की है।)